उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज बजट सत्र का पहला दिन है . इस दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से परिसर में जमकर हंगामा किया गया. हंगामा इतना ज्यादा हुआ कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल महज 12 मिनट में अभिभाषण पढ़कर वापस लौट गईं. बाकी का हिस्सा विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष पढ़ेंगे. हाथों में बैनर और तख्तियां लिए सपा सदस्य नारे लगा रहे थे ”लाठी गोली की सरकार, नहीं चलेगी नहीं चलेगी” और “आरक्षण विरोधी, दलित विरोधी, संविधान विरोधी सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी.
” ये पहला मौका है जब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बगैर पूरा अभिभाषण पढ़े विधानसभा से 12 मिनट में ही निकल गईं. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस बार का बजट सत्र उत्तर प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगा. विपक्ष के पास मुद्दों की कमी है हमने शानदार द्विव्य भव्य कुंभ कराया है पूरी दुनिया हमारी प्रशंसा हो रही है. ऐसे में महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर विपक्ष ने सरकार का जमकर विरोध किया.
सपा के वरिष्ठ सदस्य सुधाकर सिंह तथा एच एन सिंह पटेल ने बताया कि पार्टी के विधायकों ने संभल और कुंभ समेत तमाम मुद्दों पर सरकार की विफलताओं को लेकर धरना दिया है. विधायकों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर बिजली पानी दे न सके जो, वह सरकार निकम्मी है! जो सरकार निकम्मी है, वह सरकार बदलनी है, लिखा था.
सपा के वरिष्ठ सदस्य अमिताभ त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कुंभ में मृतकों, स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के फर्जी आंकड़े पेश किए जा रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि सरकार कुंभ मामले पर सदन में चर्चा कराए. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भाजपा सरकार को जन विरोधी, किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल है.
अखिले यादव बोले-सरकार असफल हो गई है
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में संगम के सबसे पास स्थित दारागंज के प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को बंद करके सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि वो असफल हो गयी है. सरकार का काम प्रशासन, नियंत्रण और प्रबंधन करना होता है नाकि बंदी या पाबंदी. जैसे नोटबंदी में जनता हैरान-परेशान हुई थी वैसे ही स्टेशन बंदी से भी होगी.
प्रभुत्ववादी भाजपाई आम जनता के दुख में अपना सुख ढूंढते हैं. बाकी सरकारें तो जनता के दुखों को कम करने का काम करती हैं, लेकिन भाजपा का डबल इंजन, ट्रबल इंजन बनकर ऐसे काम ख़ुद करता है जिससे जनता के दुख-दर्द बढ़ें और जनता अपने में ही उलझी रहे जिससे, भाजपाई भ्रष्टाचार की ओर किसी का ध्यान न जाने पाए. आज भीड़ के डर से रेलवे स्टेशन बंद किया है कल को पुलिस स्टेशन भी बंद कर देंगे क्या?
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