महाकुंभ: दुकानदारों को पैसा वापस करें…अखिलेश ने सीएम योगी से क्यों की ये मांग?

उत्तर प्रदेश में इस समय महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है. इसी को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर प्रयागराज के बिजनेस को लेकर योगी सरकार को घेरने का काम किया है. दरअसल, मेले में दुकान लगाने के लिए लोगों ने राशि दी थी, लेकिन सपा प्रमुख ने वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें बताया गया है कि लोगों की मेले में बिकरी नहीं हुई और उन्हें नुकसान हुआ है. इसी को लेकर अखिलेश यादव ने पोस्ट कर के कहा कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार की ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह मेले में घाटा खाकर बैठे दुकानदारों को वो राशि लौटा दे जिसको लेकर कारोबारियों को दुकानें आवंटित की गईं थीं.

इस वीडियो में लोग बता रहे हैं कि महाकुंभ के मेले में उन्होंने महेंगी दुकानें ली हैं, लेकिन उनको नुकसान हो रहा है. ग्राहक दुकानों तक पहुंच नहीं रहे हैं. साथ ही एक शख्स ने बताया कि रूट डाइवर्जन की वजह से ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

अखिलेश यादव ने उठाए कई सवाल

समाजवादी पार्टी ने अब योगी सरकार को घेरने का काम किया है. अखिलेश यादव ने कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, बीजेपी सरकार की बदइंतजामी की वजह से जब मुख्य मार्ग बंद कर दिए गए या फिर रास्ते बदल दिए गए तो ग्राहक इन दुकानों तक पहुंचते कैसे और कैसे इन व्यापारियों की दुकानदारी चलती. इनके नुकसान के लिए उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार पूरी तरह उत्तरदायी है. हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इन से लिया गया पैसा वापस किया जाए.

अखिलेश यादव ने दिया नारा

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि एक तरफ सरकार ये दावा कर रही है कि महाकुंभ से प्रयागराज और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अरबों रुपए जुड़े हैं तो फिर बीजेपी सरकार इन दुकानदारों के कुछ लाख रुपये क्यों नहीं लौटा सकती है. इसी के साथ अखिलेश यादव ने एक नारा भी दिया, मेले के दुकानदारों के बीच ये चर्चा है कि वो सब लोग मिलकर उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार से नारे के रूप में ये मांग करेंगे: हमारे पैसे लौटाओ, हमारा घाटा पूरा कराओ. दुकानदार कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

सीएम योगी ने क्या कहा था?

महाकुंभ से होने वाले आर्थिक असर के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने जनवरी के महीने में एक कार्यक्रम में कहा था कि साल 2019 के आयोजन ने राज्य की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया था. इस साल 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे महाकुंभ से आर्थिक विकास में 2 लाख करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

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