शापित गांव! साल में एक दिन सभी लोग घरों पर ताला लगाकर हो जाते हैं गायब

भारत में एक ऐसा गांव हैं, जहां पर लोग एक अजीब प्रथा का पालन करते आ रहे हैं. गांव वाले सभी लोग साल में एक दिन घरों में ताले बंद कर देते हैं. वह सिर्फ घर ही नहीं बल्कि गांव में मौजूद मंदिर और स्कूलों में भी उस दिन ताला बंद कर देते हैं. कोई एक घर भी गांव में ऐसा नहीं रहता, जिस पर उस एक दिन ताला नहीं बंद नहीं किया जाता है. लोग ताला लगाकर कहीं और चले जाते हैं. गांव वालों का मानना है कि इस दिन गांव में रहना अपशकुन है.

दरअसल ये गांव आन्ध्र प्रदेश राज्य के अनंतपुर में ताडिपत्रि मंडल में मौजूद तलारी चेरुवु है. गांव के घरों, मंदिरों और स्कूलों में ताला डालने की प्रथा का नाम अग्गीपाडु है. इस प्रथा का पालन इस गांव के लोग सैकड़ों सालों से करते आ रहे हैं. कहा जाता है कि कई साल पहले तलारी चेरुवु गांव में एक ब्राह्मण को फसल चुराने की वजह से गांव वालों ने पीट-पीटकर मार डाला था.

माघ पूर्णिमा का दिन

उसी मृत ब्राह्मण के श्राप की वजह से गांव में अकाल और पोलियो फैल गया था, जिससे बचने के लिए सभी गांव वाले एक ऋषि के पास गए और समाधान मांगा. गांव वालों ने बताया कि गांव में पैदा होने वाले बच्चे पैदा होते ही मर रहे हैं. तभी ऋषि ने उन्हें इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए एक उपाय बताया. स्वामी जी ने गांव वालों को सलाह दी कि वह हर साल माघ पूर्णिमा के दिन गांव में दिया या चूल्हा न जलाएं.

हाजीवाली दरगाह पर जाते

इसके साथ ही ऋषि ने ये भी बताया कि सभी गांव के लोग अपने बच्चों और पशुओं को गांव के बाहर स्थित हाजीवाली दरगाह पर ले जाएं. उस दिन से लेकर अब तक इस गांव के सभी लोग माघ पूर्णिमा के दिन चले जाते हैं और वहीं खाते-पकाते हैं. इसके बाद शाम को घर लौट आते हैं. सालों से यह परंपरा चलती आ रही है कि घर में प्रवेश करते समय हर व्यक्ति अपने दरवाजे पर नारियल पटकता है और वह इसी वजह से ताला बंद करके चले जाते हैं.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.