क्या अभी भी लगा है प्रयागराज के 7 एंट्री प्वाइंट पर जाम, कितना चलना होगा पैदल, कैसी है हालत? ये है ताजा अपडेट
प्रयागराज पिछले दो से तीन दिनों में ट्रैफिक जाम की वजह से चर्चा में है. इन तीन दिनों में वहां पहुंचने वाले लोगों ने 300 किलोमीटर लंबा जाम झेला है. हालांकि, स्थिति को देखते हुए सरकार ने कई अहम फैसले भी लिए. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार लोगों से बात करते रहे और निर्देश देते रहे. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अपने कार्यकर्ताओं को यहां तक कहा गया कि जाम में फंसे लोगों को जरूरी सामान पहुंचाएं. हालांकि, 50 अधिकारियों की नई टीम के तैनात होने का असर जाम पर भी दिखा. पिछले 24 घंटे में जाम पर काबू पा लिया गया है.
प्रयागराज की सीमा से महाकुंभ में एंट्री के लिए जिले में 7 एंट्री गेट बनाए गए हैं. इसमें प्रतापगढ़, कौशांबी, रीवा, चित्रकूट, वाराणसी, भदोही-जौनपुर और मिर्जापुर की सीमाएं शामिल हैं. मंगलवार यानी 11 फरवरी की सुबह इन सभी एंट्री गेट्स पर ट्रैफिक जाम खत्म हो गया है. यानी इन एंट्री गेट्स तक गाड़ियां बिना किसी परेशानी के पहुंच रही हैं.
Maghi Purnima 2025 Snan Plan: अंदर सिर्फ इन्हें जाने की इजाजत
सभी एंट्री गेट पर पार्किंग की सुविधा दी गई है. यानी इन गेट्स से अंदर बाइक को भी नहीं जाने दिया जा रहा. सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को इजाजत दी जा रही है जो जरूरी सामान या मेडिकल की जरूरतों को पूरा करने के लिए मेला क्षेत्र में जा रही हैं. आप किसी भी दूसरी जगह से बस, कार या बाइक से महाकुंभ जा रहे हैं तो आपको इन एंट्री गेट पर अपने वाहन को पार्किंग में खड़ा करना होगा.
Mahakumbh Walking Distance: कितना चलना होगा पैदल?
इसके बाद आपको पैदल संगम तट तक की यात्रा करनी होगी. इस यात्रा की दूरी अलग-अलग एंट्री प्वाइंट से अलग-अलग है. कुल मिलाकर आपकी पैदल यात्रा 9 से 12 किलोमीटर तक की हो सकती है. इतना पैदल चलने के बाद आप एंट्री गेट से संगम तट तक पहुंच सकते हैं. सरकार एंट्री प्वाइंट से मेला क्षेत्र तक जाने के लिए शटल सर्विस भी चला रही है. यानी सरकार की तरफ से कुछ गाड़ियां अंदर चलाई जा रही हैं जिनकी मदद से आप पार्किंग से मेला क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं.
24 घंटे पहले लोगों को हुई ये परेशानी
महाकुंभ जाने वाले लोगों को पिछले 3 दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जो लोग अपने वाहन से जा रहे थे, उन्होंने शिकायत की कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल खत्म हो गया है और इस वजह से वो फंस गए हैं. वहीं, जाम की वजह से खाने-पीने का कच्चा सामान भी रेस्टोरेंट तक नहीं पहुंच पा रहा था. इस वजह से भी लोगों को भूखे प्यासे रहना पड़ा. शटल बसें नहीं मिल पा रही थीं तो लोगों को काफी पैदल चलना पड़ा. शहर के पूरी तरह जाम हो जाने की वजह से लोगों को घंटों सड़क पर समय बिताना पड़ा. हालांकि, अभी हालात सामान्य हो गए हैं.
कैसे निकला हल?
सरकार ने जाम की हालत से निपटने के लिए तुरंत 50 स्पेशल अधिकारियों को भेजा. वहीं, एडीजी भानु भास्कर की जगह एडीजी अमिताभ यश को जिम्मेदारी सौंपी गई. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों के संपर्क में रहे. मेला क्षेत्र और उसके आस पास के जिले की ट्रैफिक व्यवस्था को देखने वाले अधिकारियों को भी फटकार लगी. इसके बाद सभी एंट्री गेट्स से ट्रैफिक को हटाने का काम शुरू किया गया. वर्तमान में स्थिति सामान्य बताई जा रही है.
सरकार ने 12 फरवरी को होने वाले पूर्णिमा स्नान के लिए तैयारी पूरी कर ली है. पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. गाड़ियों की मेले में एंट्री रोक दी गई है. ये वही प्लान है जिसे सरकार ने मौनी अमावस्या के स्नान के मौके पर लागू किया था.
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