सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि PSOs को केवल इसलिए सजा दी गई क्योंकि इल्तिजा एक अपराधी की तरह उनके घर में कैद होने के बावजूद कठुआ पहुंचने में सफल रहीं. इसके दौरान इल्तिज़ा ने बारामुल्ला के सोपोर में कथित तौर पर सेना की ओर से मारे गए वसीम मीर और पुलिस के दबाव में आत्महत्या करने वाले कठुआ के बिलावर माखन दीन की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की कमी पर भी सवाल उठाया.
महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा कि ये विडंबनापूर्ण और अनुचित है कि इल्तिजा के दो पीएसओ को उनकी अपनी कोई गलती के बिना निलंबित कर दिया गया है. उन्हें केवल इसलिए सजा दी गई क्योंकि इल्तिजा अपराधी की तरह अपने घर में कैद होने के बावजूद कठुआ पहुंचने में सफल रहीं.
नेशनल कांफ्रेंस सरकार खामोश दर्शक बनी हुई
इस बीच, सोपोर में वसीम मीर या बिलावर में माखन दीन की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार, जो लोगों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने का वादा करके सत्ता में आई थी, खामोश दर्शक बनी हुई है. इस प्रकार वे न केवल अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, बल्कि इस तरह इन अन्यायपूर्ण और असामान्य प्रयासों को सामान्य बना रहे हैं.
8 फरवरी को महबूबा मुफ्ती और उनकी बेटी ने श्रीनगर से पहली कोशिश की थी कि वसीम मीर और माखन दीन के घर वह पहुंच जाए पर उनको उस समय श्रीनगर निवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. फिर 9 फरवरी को महबूबा मुफ्ती सोपोर और उनकी बेटी इल्तिज़ा मुफ्ती कठुआ पहुंचने में सफल हुईं और दोनों पीड़ित परिवारों से मिले. इल्तिज़ा मुफ्ती ने जम्मू में एक संवादाता सम्मेलन बुलाया था पर उनको फिर रोका गया था, जोकि इल्तिज़ा मुफ्ती ने उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए से आरोप भी लगाया था.
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