कहते हैं पैसे के लिए इंसान कुछ भी कर गुजरता है. इसी तरह का एक मामला हरियाणा के सोनीपत से सामने आया है, जहां एक करोड़ रुपये का बीमा हड़पने के लिए एक जिंदा शख्स को मृत दिखा दिया गया. एक शख्स ने बड़ी चालाकी से युवक को अपना भाई बताते हुए LIC से क्लेम मांगा. उसने बताया कि युवक बीमार था और इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई है.
यहां तक की उसने युवक को लेकर ये भी कहा कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है. उसने सबसे पहले युवक का आधार कार्ड इस्तेमाल किया और उसके नाम से एक बैंक में अकाउंट खुलवाया. फिर युवक के नाम पर एक करोड़ का बीमा लिया. शुरुआती 10 महीनों तक उसने खुद युवक के नाम पर 6 लाख की किस्त भी भरी. इसके बाद उसने युवक को मरा हुआ दिखाना शुरू किया. हालांकि जब युवक ने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल किया तो उसकी पोल खुल गई. उसने युवक को दिल्ली कैंट का रहने वाला बताया था.
10 महीने तक 6 लाख की किस्त
मामला हरियाणा के सोनीपत का है, जहां के ठरू गांव के रहने वाले प्रवीन को मयूर विहार के रहने वाले धर्मबीर ने मृत दिखाया. धर्मबीर ने हाल ही में अपनी बेटी की शादी प्रवीन के पड़ोस में की थी और यहीं से एक साल पहले उसने ये पूरी साजिश रचनी शुरू की. धर्मबीर ने पहले प्रवीन का ओरिजिनल आधार कार्ड इस्तेमाल किया और फिर 1 करोड़ की पॉलिसी करा ली. उसने 10 महीने तक 6 किस्त भी भरी.
मरा हुआ दिखाना शुरू किया
इसके बाद धर्मबीर ने प्रवीन को मरा हुआ दिखाना शुरू किया. पहले प्रवीन को दिल्ली कैंट का रहने वाला अपना भाई बताया. फिर उसे बुखार दिखाते हुए अस्पताल में भर्ती दिखाया और बाद में मौत दिखा दी. इस दौरान उसने LIC को एप्लिकेशन देते हुए कहा कि वह और उसकी पत्नी आर्मी में जॉब करते हैं. उसे फोन पर अपने भाई प्रवीन की मौत की जानकारी मिली.
फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लगाया
धर्मबीर ने एप्लिकेशन में फर्जी शमशान घाट की पर्ची और डेथ सर्टिफिकेट तक लगा दिया, लेकिन जब मामले की जांच की गई और आधार कार्ड से प्रवीन की असल जानकारी निकाली गई, तो सबकुछ सामने आ गया कि शख्स अभी जिंदा है और जिस तारीख पर धर्मबीर ने प्रवीन को मरा हुआ दिखाया. उस तारीख पर कोई अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था. प्रवीन को भी जब मामले की जानकारी लगी तो उसने कहा कि मैं जिंदा हूं और मैंने कोई पॉलिसी नहीं ली है. इसके साथ ही उसने मामले में धर्मबीर के खिलाफ केस भी दर्ज कराया.
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