उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला वकील पर अधिकारियों को झूठे केस में फंसा कर पैसे ऐंठने के मामले में FIR दर्ज हुई है. आरोपी महिला शादी का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर लोगों से पैसा ऐंठा करती थी, जो उसकी बात नहीं मानते थे. वह उन पर मुकदमा दर्ज करवा देती थी. मामले के सामने आने के बाद बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने महिला के खिलाफ कार्रवाई की है.
सहारनपुर की रहने वाली महिला वकील शालिनी के खिलाफ लखनऊ में FIR दर्ज हुई है. शालिनी सरकारी अधिकारियों पर झूठा केस लगाकर उनसे मोटी रकम ऐंठा करती थी. वाराणसी के सहायक अभियोजन अधिकारी दीपक कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी. दीपक ने शिकायत में कहा था कि शालिनी ने अपनी और मेरी शादी का एक फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया था. दीपक की शिकायत पर काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में सुनवाई हुई.
बार काउंसिल ने रद्द किया रजिस्ट्रेशन
जांच में शादी का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया. आरोप सही पाए जाने के बाद काउंसिल ने महिला वकील का रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए उस पर 50 हजार का जुर्माना लगाया था. दीपक ने बताया कि 20 दिसंबर 2024 को उन्हें पता चला कि शालिनी की शादी रजिस्टर्ड ही नहीं है. उन्होंने बताया कि शालिनी ने पैसा ऐंठने की नियत से यह फर्जी दस्तावेज बनाए थे, जिसके आधार पर लाखों की डिमांड की गई थी.
महिला वकील ने की 10 लाख की मांग
बार काउंसिल की जांच के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. दीपक ने बताया कि शालिनी ने उनके खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. महिला ने एक अन्य वकील के माध्यम से दीपक से 10 लाख रुपये की मांग की थी. जिस दौरान दीपक से लाखों रुपये की मांग की गई थी. उस समय दीपक की पत्नी प्रेग्नेंट थी. दीपक ने समाज में बदनामी के डर से 10 लाखों रुपये महिला वकील को दे दिए थे.
दर्ज कराया रेप का मामला
हालांकि, इसके बाद दोबारा उनके पास फोन आया और इस बार 35 लाख रुपये की मांग की गई. जब उन्होंने पैसे देने के लिए मना किया तो महिला ने रेप के मामले में दीपक के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज करवा दिया.
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