कौन हैं ‘युवा मिलेनियर’ तान्या मित्तल, जो महाकुंभ भगदड़ के वीडियो से हो रही हैं खूब वायरल?

मिस टूरिज्म एशिया 2018 तान्या मित्तल इन दिनों सुर्खियों में हैं. यूपी और एमपी टूरिज्म की प्रमोटर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर तान्या मित्तल (Tanya Mittal) वही हैं, जिन्होंने सबसे पहले प्रयागराज के झूंसी (Jhoonsi Stampede) में हुई भगदड़ के बारे में लोगों को रूबरू करवाया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो भी डाले. बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने 30 से 40 लाशें देखी थीं. बताया कि कैसे उन्होंने अपनों से बिछड़े और मदद के लिए चीख रहे लोगों बचाया. तान्या मित्तल आखिर हैं कौन चलिए जानते हैं उनके बारे में

झूंसी भगदड़ सुबह के 4 बजे हुई. रुंआसे स्वर में बोलीं- मैंने अपनी आंखों से भगदड़ को नहीं देखा. लेकिन जैसे ही मुझे इस बारे में पता लगा तो मैं फौरन वहां लोगों की मदद के लिए पहुंची. मैंने कई लोगों को बचाया लेकिन कई ने मेरे सामने तड़पते हुए दम भी तोड़ा.

यूपी और एमपी टूरिज्म की प्रमोटर तान्या मित्तल 2018 की सबसे कम उम्र में करोड़पति बनने वाली युवती रही हैं. उनके इंस्टाग्राम पर भी 10 लाख 60 हजार फॉलोअर्स हैं. वो अक्सर समाजसेवा से जुड़े वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं. यूट्यूब पर भी उनके अच्छे खासे फॉलोअर्स हैं. इंस्टाग्राम पर तान्या (tanyamittalofficial) खूब एक्टिव रहती हैं. उनकी बायो के मुताबिक, वो 400 से ज्यादा अवार्ड अलग-अलग फील्ड में जीत चुकी हैं. तान्या, मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली हैं. वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्ट की स्टूडेंट रही हैं.

19 साल की उम्र से बिजनेस किया शुरू

तान्या मित्तल के पिता बिजनेसमैन हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. तान्या मित्तल ने 19 साल की उम्र में हैंडीक्रॉफ्ट का एक स्टोर खोला था. ऑनलाइन कारोबार के जरिए तान्या ने दो सालों में ही देश-विदेश में अपनी पहचान बना ली थी. इन्होंने साल 2018 में फिर फैशन इंडस्ट्री की तरफ कदम बढ़ाया और कामयाबी का इतिहास रच दिया. तान्या मित्तल ने उसी साललेबनान में 12 दिनों तक चली 16 राउंड की आयोजित प्रतियोगिता में 31 देशों की मॉडल्स को पछाड़ दिया, और मिस टूरिज्म एशिया का खिताब अपने नाम कर लिया था.

कैसे मिली बिजनेस में कामयाबी?

एक न्यूज पेपर को दिए इंटरव्यू में तान्या ने बताया था- स्टूडेंट लाइफ में मैं बेहद चुप-चाप और अकेली रहती थी. मेरी रुचि डिस्को या मार्केट जाने की बजाय लोगों से मिलकर कुछ विशेष सीखने की रही. इसके लिए यूनिवर्सिटी के माहौल ने मेरी काफी मदद की. बोलीं- मेरा मकसद जीवन में अलग शख्सियत बनना था ताकि मेरे पेरेंट्स को मुझ पर गर्व महसूस हो. इसके लिए मैंने हैंड क्राफ्ट जैसी सामान्य तकनीक को हैंड मेड लव नाम के साथ एक नए अंदाज में पेश किया.

हालांकि मुझे हैंड मेड के 55 तरह के सैंपल तैयार करने की महारत हासिल थी, इसके बावजूद शुरुआत में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा. शुरुआत में ग्राहक भी नहीं मिले. पर ये भी सच है कि जब तक आप असफल नहीं होते तब तक कुछ सीख भी नहीं पाते. इसलिए मैंने अपना बिजनेस जारी रखा. कई मुश्किलों के बाद अंत में कामयाबी मिली. इन सब में हैरानी की बात यह रही कि मेरे परिवार को मेरे बिजनेस के बारे में तब तक नहीं पता था, जब तक एक जर्नलिस्ट मेरे घर पर मेरा इंटरव्यू करने नहीं आया. बोलीं- मैं सारा बिजनेस सोशल नेटवर्किंग साइट से चलाती हूं.

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