60 किमी पैदल चला, ढाबे पर गुजरी रात… महाकुंभ भगदड़ के 4 दिन बाद घर पहुंचे बुजुर्ग दंपति ने सुनाई आपबीती
मध्य प्रदेश के सतना जिले के बुजुर्ग दंपति 4 दिन बाद अपने घर पहुंच गए हैं. महाकुंभ में भगदड़ के बाद से बुजुर्ग दंपति की परिजनों को कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. इससे परिजन और रिश्तेदार परेशान थे. वहीं सकुशल घर पहुंचने के बाद बुजुर्ग ने आपबीती बताई है. उन्होंने कहा कि हमारे साथी भगदड़ में बिछड़ गए थे और हमारा सारा सामान भी गुम हो गया. लेकिन हम लोग किसी तरह से वहां से सुरक्षित निकल सके.
प्रयागराज महाकुंभ संगम में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान में मची भगदड़ से बचकर 4 दिन बाद सतना के किचवरिया गांव के बुजुर्ग दंपति सकुशल अपने घर पहुंच गए हैं. बुजुर्ग दंपति ने बताया कि आपदा के बाद रास्ते बंद होने से करीब 60 किलोमीटर पैदल और फिर सरकारी बस से आज शुक्रवार को अपने घर पहुंचे हैं. घटना के बाद खबर न मिलने से परेशान गांव, घर व रिश्तेदार बुजुर्ग दंपति के सकुशल पहुंचने पर हालचाल जानने पहुंच रहे है .
भगदड़ के 4 दिन बाद पहुंचे घर
सतना जिले के किचवरिया गांव के 70 वर्षीय बलिकरण सिंह, 60 वर्षीय पत्नी गंगा देवी सिंह महाकुंभ स्पेशल बस से प्रयागराज गए थे. मौनी अमावस्या में स्नान के दौरान संगम नोज में मची भगदड़ में दंपत्ति तो सुरक्षित रहे लेकिन उनके साथी, उनका सामान, कपड़ा सब गुम गया. किसी तरह बिना रात गुजरने के बाद वापस सतना आना चाहते थे लेकिन सारे रास्ते बंद हो चुके थे. दोनों बुजुर्ग एक दूसरे का हाथ पकड़कर पैदल 50 से 60 किलोमीटर चलने के बाद फूलपुर पहुंचे. वहां से सरकारी बस से बार्डर चाकघाट पहुंचे.
बुजुर्ग दंपति ने बताई आपबीती
बार्डर बंद होने से घर जाने का साधन न होने की वजह से ढाबे में पड़े रहे. 24 घंटे बाद बार्डर खुलने पर बस से सेमरिया, फिर टिकरी, फिर अपने किचवरिया गांव पहुंचे. मौनी अमावस्या में भगदड़ के बाद बुजुर्ग दंपति के 4 दिन तक घर न पहुंचने और कोई खोज खबर न मिलने से परिजन, रिश्तेदार और गांव वाले बेहद परेशान थे. पग-पग में समस्या आने, घटनाक्रम होने, 60 किलोमीटर पैदल चलने और मौत के मुंह से वापस आए आस्थावान बुजुर्ग दंपति के चेहरे में सिकन नहीं दिख रही है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.