मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे अध्यक्षता

सरकार ने अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए नाम शॉर्ट लिस्ट करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अगुवाई में एक सर्च कमेटी का गठन किया है. कमेटी में दो अन्य सदस्य के तौर पर वित्त और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिवों को शामिल किया गया है. मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को खत्म हो रहा है. उनके बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं.

अब तक सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त को सीईसी की सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में पदोन्नत किया जाता था. मगर, पिछले साल सीईसी (मुख्य निर्वाचन आयुक्त) और ईसी (निर्वाचन आयुक्त) की नियुक्तियों पर एक नया कानून लागू हुआ. इस कानून के मुताबिक, एक सर्च कमेटी के गठन का प्रावधान किया गया जो सीईसी और ईसी के रूप में नियुक्ति के लिए पांच सचिव स्तर के अधिकारियों के नामों की सूची तैयार करेगा.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति तय करेगी नाम

सूची तैयार होने के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति इसमें से सीईसी और ईसी के नाम तय करेगी. चयन समिति में पीएम के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल हैं.नए कानून के लागू होने के बाद ये पहली बार होगा जब इसके तहत किसी सीईसी का चयन किया जाएगा.

कानून मंत्रालय के आदेश के तहत हुआ कमेटी का गठन

सूत्रों का कहना है कि कमेटी का गठन 17 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्रालय के आदेश के तहत किया गया है. इसकी बैठक 31 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान हो सकती है. सीईसी और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम-2023 के प्रावधानों को पहली बार सीईसी की नियुक्ति के लिए लागू किया जा रहा है.

पिछले साल इस अधिनियम का इस्तेमाल अनूप चंद्र पांडे के रिटायरमेंट और अरुण गोयल के इस्तीफे से खाली हुए पद को भरने के लिए निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू को नियुक्त करने के लिए किया गया था. कानून के मुताबिक, सीईसी और ईसी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी.

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