26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले ने पूरे भारत को दहला दिया था. हमले का खौफ ऐसा था कि हर ओर लोग डरे हुए थे. हमले के पीड़ित परिवार आज भी वह खौफनाक मंजर को नहीं भूल पाए हैं, जब 166 लोगों को मार दिया गया था.
अब खबर आई है कि 26/11 मुंबई हमले से जुड़े तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत लाया जा सकता है. भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजने की मंजूरी अगस्त 2024 में ही मिल गई थी. राणा फिलहाल लॉस एंजेलिस जेल में बंद है. 1 जनवरी को इस पर पुख्ता मुहर लगी.
पहले जानिए तहव्वुर राणा कौन है?
पाकिस्तान मूल के तहव्वुर राणा ISI और लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर था. हमले के वक्त भी वो खासे सक्रिय था. लश्कर में जुड़ने से पहले तहव्वुर पाकिस्तानी आर्मी का डॉक्टर था और उसने पाक आर्मी के कई युद्ध में जवानों की उपचार दिया था.
12 जनवरी 1960 को जन्मा तहव्वुर पाकिस्तान के हास्नाब्दल जिले के कैडेट कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुका है. पाकिस्तानी आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद वो कनाडा की नागरिकता लेकर वहां चला गया जहां उसने इमिग्रेशन का व्यापार शुरू किया. 2011 में अमेरिकी कोर्ट ने तहव्वुर को दानिश न्यूजपेपर के दफ्तर पर हमला करवाने के मामले में लश्करे तैयबा का सपोर्ट करने के जुर्म में सजा सुनाई है.
इस मामले में 17 जनवरी 2013 को वहां की कोर्ट ने उसे 14 साल की जेल की सजा सुनाई है.हालांकि अब तक तहव्वुर को 26/11 मुंबई हमले के आरोप में सजा नही हुई है.
हेडली से मुलाकात के बाद बदली नियत
तहव्वुर और हेडली की पहली मुलाकात कैडेट कॉलेज, हसन अब्दल मिलिट्री कॉलेज में हुई थी, जिसके बाद दोनों पक्के दोस्त बन गए. डेविड कोलमैन हेडली का असली नाम दाउद गिलानी था जब वो कॉलेज में था.
राणा पाकिस्तान मेडिकल कॉलेज में कैप्टन जनरल की ड्यूटी में था,वो कट्टर पाकिस्तानी और भारत विरोधी विचारधारा का रहा है. राणा 1997 में पाकिस्तान से कनाडा चला गया जहां उसने 2011 में कैनेडियन नागरिकता ले ली.
राणा ने फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन नाम की कंपनी बनाई और इसके दफ्तर शिकागो,टोरेंटो और न्यू यॉर्क में भी बनाए. राणा ने ओटावा में भी घर बनाया जिसमे उसके पिता और भाई रहते थे.
तहव्वुर का छोटा भाई अब्बास राणा कनाडा के “द हिल टाइम्स” अखबार में नौकरी करता था. राणा मेजर इकबाल जो पाकिस्तानी आर्मी के मेजर थे उसके संपर्क में रहकर कनाडा,अमेरिका और भारत के अंदरूनी जानकारी को साझा करता था.
मुंबई हमले में राणा का क्या था रोल?
राणा को मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है. 26/11 हमले की पूरी रेकी हेडली से करवाने, उसे मेजर इकबाल तक पहुंचने में तहव्वुत राणा का ही अहभ रोल रहा. इसके बाद ही हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया. कहा जाता है कि हेडली को मुंबई भेजने और कहां-कहां रेकी करनी है, उसकी जिम्मेदारी राणा ने ही दी थी.
इतना ही नहीं, हेडली पर किसी को शक न हो, इसके लिए राणा ने अपनी ट्रैवल एजेंसी की एक ब्रांच मुंबई में खोल दी थी. राणा साल 2013 में अपने दोस्त हेडली के साथ मुंबई के हमले को अंजाम देने और डेनमार्क में हमले की योजना बनाने का दोषी पाया गया था.
राणा के कहने पर ही हेडली ने शिवसेना भवन, मातोश्री, कोलाबा, नरीमन प्वॉइंट, सिद्धिविनायक मंदिर जैसे स्थलों की रेकी की थी. हेडली ने इस दौरान कलावा बांधने का भी आईडिया दिया था. कहा जाता है कि आतंकी हमले से पहले कलावा बांधकर आए थे.
जांच के मुताबिकतहव्वुर के कहने पर ही हेडली ने पैडर रोड में फेमस जिम जॉइन किया, जिसमें महेश भट्ट का लड़का ट्रेनर था. हेडली ने उसे भी अपना दोस्त बन लिया था ताकि बड़े चेहरे की आड़ में वो मुम्बई में कही भी आ जा सके. 26/11 हमले मामले में महेश भट्ट के बेटे की गवाही भी ली गई है.
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