भारतीय आर्मी को मिलेगी ‘संजय’ की दूरदृष्टि, राजनाथ सिंह ने किया बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम का उद्घाटन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में संजय – बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम का उद्घाटन किया. भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा विकसित यह अत्याधुनिक प्रणाली युद्धक्षेत्र में ग्राउंड और एरियल सेंसर डेटा को कलेक्ट करती है. जिस तरह महाभारत के समय संजय की दूरदृष्टी से युद्ध की हर जानकारी मिलती रही, ठीक वैसी ही दृष्टि अब सेना के पास होगी. इसकी झलक 26 जनवरी की परेड में देखने को मिलेगी.

संजय सिस्टम को मार्च से अक्टूबर 2025 के बीच सभी ऑपरेशनल यूनिट्स में तैनात किया जाएगा. यह सिस्टम सेना को तेजी से और सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा, जो युद्ध के मैदान में महत्वपूर्ण साबित होगी.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा कदम

यह पहल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा कदम है. भारतीय सेना के लिए संजय न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से एक उपलब्धि है, बल्कि भविष्य की युद्ध रणनीतियों के लिए एक मजबूत आधारशिला भी है.

संजय नामक इस उन्नत स्वचालित प्रणाली को विभिन्न जमीनी और हवाई सेंसरों से प्राप्त डेटा को एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है. इन इनपुट को सटीकता सुनिश्चित करने, अतिरेक को समाप्त करने और सेना डेटा नेटवर्क और सैटेलाइट संचार नेटवर्क के माध्यम से युद्ध के मैदान की एकीकृत निगरानी तस्वीर प्रदान करने के लिए संसाधित किया जाता है.

युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता में होगा सुधार

यह प्रणाली युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी, तथा सेना की कमान और मुख्यालय को एक केंद्रीकृत वेब एप्लीकेशन के माध्यम से निर्णय लेने में सहायता के लिए सटीक, वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगी.

अत्याधुनिक सेंसर और अत्याधुनिक विश्लेषण से लैस, संजय भूमि सीमाओं के विशाल विस्तार की निगरानी करने, घुसपैठ को रोकने और अद्वितीय स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करने में सक्षम है.

खुफिया और निगरानी में करेगी महत्वपूर्ण काम

यह प्रणाली खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) अभियानों में एक महत्वपूर्ण बल गुणक के रूप में कार्य करेगी, जिससे नेटवर्क-केंद्रित वातावरण में पारंपरिक और उप-पारंपरिक दोनों तरह के अभियानों में सेना की क्षमता में वृद्धि होगी.

यह अभूतपूर्व प्रणाली डेटा-संचालित और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो कमांडरों को वास्तविक समय में सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है. यह भविष्य के युद्धक्षेत्रों में क्रांति लाएगा, एक तकनीकी लाभ प्रदान करेगा जो परिचालन दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाता है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.