गाजा-इजराइल युद्ध विराम के बीच IDF ने बताया कि हाल ही में गाजा पट्टी में एक गुप्त अभियान में उसने सैनिक स्टाफ सार्जेंट ओरोन शॉल का शव या अवशेष बरामद किए है. ओरोन शॉल को 2014 की इजराइल-हमास जंग में हमास ने मार दिया था. शव को बरामद करने का अभियान IDF और शिन बेट सुरक्षा एजेंसी ने मिलकर चलाया था, जिसमें नौसेना की शायेत 13 कमांडो इकाई और सैन्य खुफिया निदेशालय कई खास यूनिट शामिल थी. IDF ने यह जानकारी नहीं दी है कि ऑपरेशन कब हुआ या गाजा के किस हिस्से में शव मिला है.
ओरोन शॉल के शव को वापस इजराइल लाया गया है और अबू कबीर फोरेंसिक संस्थान पहचान के लिए भेजा गया. जांच के बाद शाऊल के परिवार को सूचित किया गया. 20 जुलाई, 2014 को युद्ध के दौरान गोलानी ब्रिगेड की 13वीं बटालियन के सैनिकों ने M-113 बख्तरबंद कार्मिक व्हीकल में गाजा शहर के शेजाया पड़ोस में एंट्री ली. उनकी APC पड़ोस की एक संकरी गली में फंस गई और इसे निकालने की कोशिश के दौरान ही हमास लड़ाकों ने एंटी-टैंक मिसाइलों से हमला कर दिया.
मारे गए थे 7 सैनिक
हमास के इस हमले में सिर्फ ओरोन शॉल की मौत नहीं हुई थी, उनके साथ सात अन्य इजराइली सैनिकों की भी मौत हुई थी. शॉल की मौत के बाद उसके शव हमास के लड़ाके अपने साथ ले गए थे.
2014 गाजा हमास युद्ध
2014 वाला युद्ध भी गाजावासियों के लिए कम भयानक नहीं था. 50 दिनों तक चले इस युद्ध में करीब 2,251 फिलिस्तीनी मारे गए, माना जाता है कि उनमें से 1,462 नागरिक थे. जिनमें 551 बच्चे और 299 महिलाएं शामिल थीं. इसके अलावा 66 इजराइली सैनिक और एक बच्चे सहित पांच इजराइली नागरिक भी मारे गए. कुल मिलाकर, संघर्ष के दौरान 11,231 फिलिस्तीनी घायल हुए, जिनमें 3,540 महिलाएं और 3,436 बच्चे शामिल थे. इनमें से लगभग एक तिहाई बच्चों को अपनी चोटों के परिणामस्वरूप जीवन भर विकलांगता का सामना करना पड़ेगा.
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