मध्य प्रदेश में नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले प्रदेश की राजधानी भोपाल के जिला प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निजी स्कूलों में एडमिशन, ड्रेस और कॉपी-किताबों को लेकर आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी निजी स्कूलों ने अभिभावकों पर ड्रेस या किताबें एक ही दुकान से खरीदने का दबाव बनाया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी.
भोपाल कलेक्टर ने धारा 144 के तहत ये पाबंदी लगाई है. साथ ही निजी स्कूल संचालक को पुस्तक प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं का एकाधिकार खत्म करने के लिए आदेश जारी किए हैं. आदेश में ये भी कहा गया है कि हर एक स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य अपने स्कूल में हर कक्षा में लगने वाली पाठ्यपुस्तको एवं प्रकाशक की जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय की वेबसाइट पर 15 जनवरी तक अपलोड करेंगे.
इन स्कूलों के लिए जारी हुआ आदेश
यह आदेश मध्य प्रदेश बोर्ड, सीबीएसई ,आईसीएसई सभी निजी स्कूलों के लिए जारी किया गया है. कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि स्कूल संचालक आगामी शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले अनिवार्य रूप से लेखक एवं प्रकाशक के नाम और किताबों के मूल्य के साथ कक्षा बार पुस्तकों की सूची स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करेंगे. अगर 15 जनवरी तक निजी स्कूल यह जानकारी नहीं देते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. आदेश में यह भी लिखा है कि किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होना चाहिए.
टाई ,जूते और कॉपी को लेकर दिए ये आदेश
भोपाल कलेक्टर ने अपने आदेश में लिखा है कि कहीं से भी पुस्तक या गणवेश व अन्य आवश्यक शैक्षणिक सामग्री की खरीदी की जा सकती है. किताबों के अतिरिक्त स्कूलों द्वारा टाई ,जूते, कॉपी आदि भी उपलब्ध ओर विक्रय करने का प्रयास नहीं किया जाएगा. इसके अलावा स्कूल परिवहन सुविधाओं को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
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