कॉर्पोरेट कल्चर पर काम करता था चोरों का यह गैंग, सैलरी देकर हायर किए थे मेंबर्स

चोरी के लिए चोरों की भर्ती सैलरी पर की जाती थी यह सुनने में बेशक अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है. युवकों की भर्ती कर चोरों का सरगना उनसे चोरी की घटनाओं को अंजाम दिलवाता था. इस ग्रुप ने चोरी के 200 से अधिक महंगे मोबाइल नेपाल और बांग्लादेश में बेचे हैं. गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर हाल ही के दिनों में चोरी की घटना बढ़ गई थी. इसके बाद कार्रवाई करते हुए GRP ने चोरों के ग्रुप के तीन लोगों को गिरफ्तार किया.

जीआरपी पुलिस ने बताया कि कुछ दिनों से गोरखपुर रेलवे स्टेशन और उसके आसपास चोरी की घटनाएं बढ़ गई थी. ऐसे में पुलिस सतर्क हो गई थी. 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया, तो तीन संदिग्ध एक साथ कई बार देखे गए. पुलिस छानबीन कर ही रही थी कि शनिवार को सुबह तीन संदिग्ध रेलवे स्टेशन के घड़ी गेट के पास दिखे. पुलिस ने जब उनके पास पहुंचकर पूछताछ की और तलाशी ली तो उनके पास से पुलिस को 10 लाख की कीमत के 44 मोबाइल, एक चाकू, एक तमंचा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए.

गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए चोर

पकड़े गए आरोपियों में से एक आरोपी नाबालिग था. ऐसे में तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उन लोगों ने बताया कि वह लोग मूल रूप से झारखंड के साहबगंज जिले के तलझाड़ी थाना क्षेत्र के महाराजपुर गांव के निवासी हैं. एक का नाम मनोज मंडल, दूसरे का करन कुमार और तीसरा नाबालिक है. उन सभी लोगों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि हम लोग 2018 से यह काम कर रहे हैं.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.