बीजेपी ने मंडल अध्यक्षों के चुनाव के लिए कई क्राइटेरिया तय किए थे, जिसमें मुख्य रूप से उम्मीदवारों की उम्र 45 साल से कम होनी चाहिए. उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले नहीं होने चाहिए, उम्मीदवार पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त नहीं रहा हो, उम्मीदवार ने कभी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पार्टी विरोधी बयानबाजी न करने की भी शर्त थी, लेकिन कई पदाधिकारियों की ओर से इस बारे में गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई, जिसके चलते 18 मंडलों में चुनाव रद्द कर दिए गए हैं.
कौन-कौन चुना गया था?
जिन मंडलों में चुनाव निरस्त हुए हैं, उनमें सिंगरौली जिले की निवास मंडल है, जहां रामेश्वर साहू को मंडल अध्यक्ष चुना गया था, टीकमगढ़ जिला का लिखोरा मंडल, जहां राजेश गौतम को अध्यक्ष चुना गया था, सिवनी जिले का उत्तर सिवनी मंडल, जहां अंशुल चौरसिया को मंडल अध्यक्ष चुना गया था, सिवनी जिले का बंडोल मंडल, जहां पुरुषोत्तम बघेल को अध्यक्ष चुना गया था, सिवनी जिले का बीजादेवरी मंडल, जहां मोहन डेहरिया को अध्यक्ष चुना गया था, सिवनी जिले का सुकतारा मंडल, जिसमें गीता सनोदिया को अध्यक्ष चुना गया था.
सिवनी जिले का कुरई मंडल, जिसमें शुभम अग्रवाल को अध्यक्ष चुना गया था, सिवनी जिले का पंडोला मंडल, जिसमें विक्की वैष्णव को अध्यक्ष चुना गया था, बड़वानी जिले का अंजड़ मंडल, जिसमें गौरव जोशी को अध्यक्ष चुना गया था, बड़वानी जिले का चचरिया मंडल, जिसमें गणेश मालवीय को अध्यक्ष चुना गया था, बड़वानी जिले का पानसेमन मंडल, जिसमें जयप्रकाश पाटिल को अध्यक्ष चुना गया था, खरगोन जिले का गोगावां मंडल, जिसमें अजय राठौर को अध्यक्ष चुना गया था, पन्ना जिले का गुन्नौर मंडल, जिसमें इंद्रपाल पटेल को अध्यक्ष चुना गया था.
छतरपुर जिले का गौरिहार मंडल, जिसमें रवि किरण पाल को अध्यक्ष चुना गया था, राजगढ़ जिले का तलेन मंडल, जिसमें विजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था, राजगढ़ जिले का बोड़ा मंडल, जिसमें सरजन सिंह राजपूत को अध्यक्ष चुना गया था, राजगढ़ जिले का गुलाबता मंडल, जिसमें मनोज परमार को अध्यक्ष चुना गया था और धार जिले का सादलपुर मंडल, जिसमें अर्चना दीपक राठौड़ को अध्यक्ष चुना गया था.