भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कॉन्स्टेबल की काली कमाई को लेकर भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक भ्रष्टाचार का इतना बड़ा मामला कभी नहीं देखा गया। दिग्विजय सिंह ने इस मामले में ज्योतिरादित्य और गोविंद सिंह राजपूत पर सीधे आरोप लगाए। उन्होंने मामले में लिप्त सौरभ शर्मा समेत उनके साथियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने की मांग की।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि जब कमलनाथ सरकार बनी थी तब कमलनाथ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का इतना दबाव था कि परिवहन विभाग गोविंद राजपूत को दिया जाए। इसके बाद एक बोर्ड बनाया गया। जैसे ही सरकार गिरी और शिवराज सिंह सीएम बने, सिंधिया ने दबाव डाल कर सबसे पहले बोर्ड को खत्म किया। शिवराज सिंह चौहान ने इसे खत्म किया। इसके बाद फिर ठेका प्रणाली शुरू हो गई जो सबसे ज़्यादा वसूली करेगा उसकी नियुक्ति गोविंद राजपूत द्वारा हो जाती थी। जंगल में एक कार में 52 किलो सोना, 11 करोड़ नगद मिला। परिवहन विभाग के अंदर किस तरह से चेक पोस्ट की नीलामी हो रही थी। पुलिस प्रशासन ने इसे दबाने का पूरा प्रयास किया लेकिन एक कॉन्स्टेबल रहे सौरभ शर्मा का नाम सामने आया है।
पूर्व सीएम ने कहा कि लोकायुक्त और पुलिस की कारवाई के बीच आयकर विभाग नहीं आता, तो शायद कार्रवाई नहीं होती। सौरभ शर्मा दुबई में है, दुबई में पूछा नहीं जाता कि कहां का पैसा है। इसलिए वहां रियल स्टेट में पैसा लगाया गया होगा। मेरे पास जो जानकारी समाने आई है इसमें चार लोग शामिल थे। जिसमें संजय श्रीवास्तव, ऑर्डर करवाते थे, RTI वीरेश, दशरथ सिंह पटेल और सौरभ शर्मा वसूली करते थे। चारों की गिरफ्तारी कर मनी ट्रेल का मामला दर्ज करना चाहिए। सब आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस होना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मामले में जांच करने को लेकर पत्र लिखा।
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