राष्ट्र चंडिका न्यूज़,सिवनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि शीतलहर दिसंबर एवं जनवरी में सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडने के साथ-साथ अचानक म़त्यु होना भी संभावित होता है। इसी परिपेक्ष्य में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 जयपाल सिंह ठाकुर, एवं जिला स्वास्थय एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ0 वन्दना कमलेश ने बताया कि शीतलहर का नकारात्मक प्रभाव वद्धजनों एवं 5 वर्ष से छोटे बच्चों में अधिक होता हैं। इसके अतिरिक्त दिव्यांग जनों, बेघर व्यक्तियों, दीर्घ कालिक बीमारियों से पीडित रोगियों, खुला क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीतलहर के मौसम में विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक हैं।
उन्होंने बताया कि शीतलहर एवं सर्द हवाओं के दौरान घरों में उपयोग किये जाने वाले हीटर एवं फायरपॉट आदि बंद कमरों में उपयोग करने के कारण भी खतरा होता है। इनसे बचाव अथवा नियंत्रण के लिए आम जनतों को ऐसे प्रयोग से बचना चाहिए। गर्म वस्त्रों एवं कई परतों में कपडो का उपयोग किया जाना चाहिए।लम्बे समय तक ठण्ड में रहने से बचे,मदिरा से बचे, क्योंकि इससे शारीरिक तापमान घटता हैं एवं हथलियों की रक्त धमनियों में संकुचन होने से अल्प ताप की अधिक संभावना होती है।फ्रास्टवाइट के लक्ष्ण वाले अंगो को ना मलें इससे अधिक क्षति हो सकती है।शारीरिक तापमान के घटने का प्रथम लक्ष्ण प्राय कपकपी होती हे इनको अनदेखा न करते हुये तत्काल घर के अंदर रहे।विटामिन सी युक्त फल एवं सब्जियों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शारीरिक तापमान संतुलित रहें। आकस्मिक स्थितियों में उपाय हेतु घर में रसद एवं अन्य सामग्रियों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए शीतलहर के दौरान नाक बहना, नाक बंद होना, नाक से खुन होना, जैसे लक्षण सामान्यत पाये जाते हैा जिसके लिए तत्काल नजदीक के चिकित्सक से सलाह प्राप्त कर उपचार किया जाना चाहिए।