दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को बड़ी राहत मिली है, कड़कड़डूमा कोर्ट ने बुधवार को उमर खालिद को अंतरिम जमानत दी है. उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी. फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के पीछे बड़ी साजिश के आरोप में शामिल आरोपी उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 7 दिन की अंतरिम जमानत दी है.
कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक मौसेरी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी है. उमर खालिद पिछले चार साल से जेल में बंद हैं. खालिद पर आरोप है कि इन्होंने ही दिल्ली दंगों की साजिश रची थी. इसके बाद इनके खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया.
उमर खालिद की गिरफ्तारी कब हुई थी?
उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और उन पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था. 2020 से ही वह जेल में बंद है. यह उमर खालिद की जमानत याचिका का दूसरा दौर है. निचली अदालत ने पहली बार मार्च 2022 में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उमर खालिद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में राहत देने से इनकार कर दिया था.
इसके बाद उमर खालिद ने मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर कई बार सुनवाई टली. बाद में उमर ने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी. उमर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि हम परिस्थितियों में बदलाव के कारण याचिका वापस लेना चाहते हैं और उचित राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहते हैं.
दिल्ली दंगों में 53 लोगों की हुई थी मौत
दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इन दंगों में कई दुकानें और घर जला दिए गए थे.
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