संसद के निचले सदन लोकसभा में सोमवार को गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बीच में बनी एक गैलरी से शौचालय हटाने की मांग उठी. साथ ही देश में जैन बोर्ड, सिनेमा उद्योग से जुड़े कर्मचारिचों के लिए कदम उठाने और दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्थायी समाधान निकालने जैसी मांगें सांसदों की ओर से उठाईं गईं. शून्यकाल में अलग-अलग दलों के सांसदों ने विभिन्न मुद्दे उठाए.
कांग्रेस सांसद जी. के. पडवी ने कहा कि गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के छाती के स्तर पर करीब 153 मीटर की ऊंचाई पर छेद करके एक गैलरी बनाई गई है. यहां से दर्शक लेजर शो देख सकते हैं. इस गैलरी में एक शौचालय भी है. उन्होंने कहा कि देश के पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के लिए यह अपमानजनक है.
अरुण गोविल ने उठाया ये मुद्दा
पडवी ने कहा, केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या यही राष्ट्रवाद है? क्या यही देशभक्ति है? केंद्र और राज्य सरकार से अनुरोध है कि ये शौचालय हटाया जाए. भाजपा सांसद अरुण गोविल ने फिल्म और टेलीविजन उद्योग में छोटे कलाकारों और श्रमिकों का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि इनका शोषण किया जाता है. इतना ही नहीं सभी करार निर्माता और निर्देशकों के पक्ष में होते हैं.
अरुण गोविल ने केंद्र सरकार से मांग की कि सिनेमा जगत के कर्मियों को श्रम कानूनों के दायरे में लाया जाए. कर्मियों के काम की समय सीमा भी निर्धारित हो. साथ ही उन्हें ओवरटाइम, अवकाश, महिलाओं को प्रसूति अवकाश जैसी सुविधाएं मिलें. इस दिशा में काम करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय और श्रम मंत्रालय एक समिति गठित हो.
देश में जैन बोर्ड की मांग
आम आदमी पार्टी सांसद गुरमीत सिंह हायर ने ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के अनुसार उनके राज्यों को धन आवंटन नहीं किए जाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि राज्यों को उनके खिलाड़ियों के प्रदर्शन के हिसाब से धनराशि मिलनी चाहिए.
कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने देश में जैन बोर्ड की मांग की. उन्होंने कहा कि जैन समुदाय के योगदान को देखते हुए उनके कल्याण के लिए जैन बोर्ड बनाया जाना चाहिए. भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने लोकसभा में दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इसका स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.