हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड (Himachal-Uttarakhand Snowfall) के अधिकतर हिस्सों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. बर्फ देखकर पर्यटकों के साथ-साथ पर्यटन कारोबारियों, किसानों और बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेने हिल स्टेशनों (Hill Stations) में पहुंच रहे हैं. आलम ये है कि कई पर्यटकों को तो होटलों में रहने के लिए खाली कमरे तक नहीं मिल रहे. साथ ही रास्तों में लंबा ट्रैफिक जाम भी देखने को मिल रहा है.
आज हम आपको बताएंगे कि किन इलाकों में इस वक्त पर्यटकों को जाना फायदेमंद रहेगा, ताकि वे बर्फबारी का आनंद ले सकें.
सबसे पहले बात करते हैं हिमाचल प्रदेश की. हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पिति, किन्नौर, कुल्लू, शिमला, मंडी, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और चंबा जिलों के इलाकों में बर्फबारी हुई है. लाहौल-स्पिति और किन्नौर में सबसे ज्यादा स्नोफॉल हुआ है.
लाहौल-स्पिति में हुई बर्फबारी को देखने का इस वक्त सही समय नहीं रहेगा. क्योंकि रोहतांग के आगे खराब रास्तों के कारण वहां जाने से पर्यटकों को परेशानी आ सकती है. मनाली के ऊपरी हिस्से सोलंगनाला, कोकसर, रोहतांग और सिस्सू में आप जरूर जा सकते हैं. मगर आपको यहां रास्ते में भारी ट्रैफिक देखने को भी मिलेगा. साथ ही बर्फ के कारण सड़कों पर भी फिसलन है.
शिमला के कुफरी, नारकंडा और रोहड़ू समेत रिज मैदान में बर्फबारी देखने को मिली. इन इलाकों में भी पर्यटक घूमने के लिए आसानी से जा सकते हैं. लेकिन यहां पार्किंग को लेकर पर्यटकों को खासा ध्यान रखना होगा. क्योंकि शिमला में बेशक होटलों की कमी नहीं है. लेकिन यहां पार्किंग की दिक्कत पर्यटकों को हमेशा देखने को मिलती है.
किन्नौर की बात करें तो छितकुल, रकछम, सांगला, रेकांगपियो और कल्पा में भारी बर्फबारी हुई है. किन्नौर जाना इस वक्त उतना उचित नहीं रहेगा. कारण है यहां का खतरनाक पहाड़ी इलाका. शिमला से 12 घंटे की दूरी पर ये क्षेत्र हैं. चंबा के पांगी और भरमौर में जमकर हिमपात हुआ.
अगर आपको घूमना है तो कांगड़ा के धर्मशाला स्थित नड्डी (मैक्लोडगंज) और छोटा भंगाल जा सकते हैं. सोलन के चैल इलाके में भी आप बर्फबारी का आनंद उठा सकते हैं. जबकि, मंडी के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी जरूर हुई है जैसे ठियोग, कमरुनाग मंदिर और शिकारी देवी. लेकिन यहां इस वक्त जाना सेफ नहीं है.
अगर आपको घूमना है तो कांगड़ा के धर्मशाला स्थित नड्डी (मैक्लोडगंज) और छोटा भंगाल जा सकते हैं. सोलन के चैल इलाके में भी आप बर्फबारी का आनंद उठा सकते हैं. जबकि, मंडी के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी जरूर हुई है जैसे ठियोग, कमरुनाग मंदिर और शिकारी देवी. लेकिन यहां इस वक्त जाना सेफ नहीं है.
मसूरी के लाल टिब्बा, गनहिल, विंसेंट हिल, जॉर्ज एवरेस्ट में बर्फबारी जरूर हुई. लेकिन ये काफी कम थी. यानि स्नोफॉल के बाद जल्द ही बर्फ पिघल गई. हां मगर उम्मीद है कि दोबारा फिर से यहां जल्द ही स्नोफॉल होगा. मौसम विभाग ने यहां बर्फबारी का अनुमान लगाया है.
मसूरी में सबसे ज्यादा दिक्कत आपको होटल बुकिंग और पार्किंग में दिखेगी. यहां पर्यटक सबसे ज्यादा वीकेंड में आ रहे हैं. इस कारण होटल फुल मिल रहे हैं.
चकराता क्षेत्र के पर्यटन स्थल लोखंडी, बुधेर, मोइला टाप, कनासर, देववन, खंडबा व मुंडाली समेत आसपास की चोटियों पर भी बर्फबारी हुई हैं. आप इन इलाकों में भी घूमने का प्लान बना सकते हैं.
इसके अलावा, द्वितीय केदारनाथ मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चोपता, काली शीला के ऊपरी भाग में भी बर्फबारी हुई है. जहां तीन से पांच इंच तक बर्फ जम गई है. औली में सीजन की पहली बर्फबारी होने के साथ ही पर्यटन गतिविधियां तेज होने की आस भी बढ़ गई है. औली में बर्फ पड़ते ही पर्यटक भी वहां पहुंच गए और आगे भी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है.
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