UP: राशन बेचकर लाया हूं घूस, बना दीजिए मेरा हैसियत प्रमाण पत्र; लेखपाल का Video हुआ वायरल

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में एक लेखपाल का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पीड़ित किसान लेखपाल के सामने अपना दुखड़ा रहा है. इसमें बता रहा है कि घूस के तीन हजार रुपयों के लिए उसे क्या क्या जतन करने पड़े हैं. बावजूद इसके लेखपाल का दिल नहीं पसीजता और वह किसान के हाथ से रुपये लेकर अपनी आलमारी में रख लेता है. वहीं काम के लिए किसान को दो दिन बाद फिर से आने को कह रहा है. मामला महाराजगंज के फरेंदा तहसील का है. वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

फरेंदा एसडीएम मुकेश सिंह के मुताबिक मामले की जांच कराई जा रही है. इसमें लेखपाल दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी. सोशल मीडिया में वायरल हो रहा यह वीडियो 1.06 मिनट का है. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि पीड़ित किसान की फाइल लेखपाल आलमारी से निकाल कर उसे हैसियत प्रमाण पत्र की जानकारी दे रहा है. इसके बाद पीड़ित किसान उसे रुपये देता है और कहता है कि उसने बड़ी मशक्कत के बाद घूस देने के लिए 3 हजार रुपये इकट्ठा किया है. वीडियो में किसान कह रहा है कि इसके लिए उसने चावल व राशन का अन्य सामान बेचने पड़े हैं.

रुपयों को मोबाइल के नीचे छिपाते नजर आ रहा लेखपाल

इसके बाद भी एक सौ रूपये कम पड़ गए. यह सुनने के बाद लेखपाल कहता है कि यह 100 रुपये बाद में दे जाना. वीडियो में दिख रहा है कि लेखपाल इन रूपयों के लेने के बाद उसे कभी मोबाइल के नीचे तो कभी फाइल के नीचे दबा रहा है. फरेंदा तहसील में लेखपालों की वसूली का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यहां तहसील में घुसखोरी के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो चुके हैं. एसडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार वायरल हो रहे वीडियो में घुस दे रहे किसान की पहचान बृजमनगंज कस्बे के रहने वाले राजन चौरसिया के रूप में हुई है. राजन ने करीब डेढ़ साल पहले हैसियत प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था.

30 नवंबर को रिटायर हो गया लेखपाल

इस आवेदन पर लेखपाल को रिपोर्ट देनी थी, लेकिन वह घूस लिए बिना रिपोर्ट लगाने से मना कर दिया था. ऐसे में पीड़ित को लगातार तहसील के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. पीड़ित ने अपने बयान में बताया है कि पहले भी कई बार लेखपाल की मांग पर रुपये दे चुका है. पहली बार लेखपाल ने पांच हजार रुपये और अब 2900 रुपये दिए हैं. पीड़ित के मुताबिक उसके एक सहयोगी ने लेखपाल की नजर बचाकर पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया था. बताया जा रहा है कि इस वीडियो में नजर आ रहा लेखपाल इसी 30 नवंबर को रिटायर हुआ है. इस वीडियो को उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से अपलोड किया है.

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