वायु प्रदूषण के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और AQI डाटा मांगा. दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल GRAP-4 लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को आदेश दिया है कि कल तक तय करें कि स्कूल खोले जा सकते हैं या पढ़ाई ऑनलाइन ही होगी. मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 18 से 23 नवंबर तक GRAP-4 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया और ट्रकों के प्रवेश की अनुमति दी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब तक अदालत इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाती कि AQI में लगातार गिरावट है. हम नीचे स्टेज 3 या स्टेज 2 पर जाने का आदेश नहीं दे सकते.
शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी 13 अदालत आयुक्तों को काम जारी रखने दें. यह स्पष्ट है कि ग्रैप IV के खंड 1 से 3 के तहत कदमों को लागू करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है. इस प्रकार खंड 1 से 3 में अधिकारियों की ओर से एक गंभीर चूक है. हम ऐसे सभी दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ धारा 14 का मुकदमा चलाने का निर्देश देंगे, जिन्होंने इसका उल्लंघन किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रेप-4 के कारण समाज के कई वर्ग प्रभावित हुए हैं. CAQM के पास अधिनियम के तहत विभिन्न अधिकारियों को निर्देश जारी करने की सभी शक्तियां हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मजदूरों और दैनिक ग्रामीणों की श्रेणी में व्यक्तियों को नुकसान न हो. इस प्रकार हम CAQM को अधिनियम की धारा 12 के तहत कई शमन उपाय करने का निर्देश देते हैं.
हमें दिल्ली सरकार का आदेश दिखाएं…
सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि ट्रकों की जांच निजी ऑपरेटरों द्वारा की जा रही थी और फिर इस काम के लिए कोई अलग पुलिस बल नहीं सौंपा गया था. जस्टिस अभय एस ओका ने कहा कि हमें दिल्ली सरकार का वह आदेश दिखाएं, जिसने इस तरह के अंकों के प्रबंधन के लिए टीमें जारी की थीं. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि नगर निगम कर्मचारी, नागरिक सुरक्षा कार्यकर्ता और दिल्ली पुलिस अधिकारी निकास बिंदुओं पर तैनात थे. इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि हमें पुलिस को दिए निर्देश दिखाएं. कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसी कोई निर्देश नहीं है, तो वे कैसे काम करेंगे.
कई प्वाइंट्स पर न बैरिकेड और न स्टाफ
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखे बिना हम कह सकते हैं कि अभी भी कोई जांच बिंदु नहीं हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम जानना चाहते थे कि क्या ऐसे चेक पोस्ट हैं, जो ऐसे ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं. कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली सरकार परिवहन विंग से कोई कर्मी नहीं था. चेक हो रही थी लेकिन यह कितना प्रभावी था यह देखना होगा. हमने सभी 83 चेक पॉइंट देखे और सभी के पास चेक पोस्ट की अलग परिभाषा थी. ट्रकों को रोकने के लिए बीच सड़क पर पुलिस वाले कूद रहे थे. पुलिस कर्मियों की भी जान खतरें में हैं, क्योंकि वहां कोई बैरिकेडिंग भी नहीं है.
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