उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बुधवार सुबह 13 साल की मासूम दिव्यांग बच्ची की जिंदा जलकर मौत हो गई. आध्या जैन दिव्यांग थी और उसके शरीर के कई अंग काम नहीं कर पाते थे. जिस समय ये हादसा हुआ उस समय बच्ची के माता पिता मॉर्निंग वॉक पर थे और वह घर पर अकेली थी. फिलहाल परिजनों ने किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई ना करके बच्ची के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. वहीं, घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है.
दिव्यांग बच्ची के जलकर मौत होने का पूरा मामला सहारनपुर सिटी कोतवाली बड़तला यादगार इलाके का है. बड़तला यादगार निवासी अवनीश जैन और उनकी पत्नी डॉ निधि जैन बुधवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले हुए थे. घर में उनकी 13 साल की बेटी अध्या जैन अकेली थी. वह बेड पर सो रही थी. आध्या जैन दिव्यांग थी और वह चल फिर नहीं सकती थी. बुधवार सुबह जब आध्या के माता पिता मॉर्निंग वॉक पर थे, तभी अचानक घर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई.
दमकल विभाग को दी गई सूचना
आग लगने के कुछ देर बाद जब घर की छत पर मौजूद अध्या के चाचा को जलने की स्मेल आई तो वो नीचे दौड़े. नीचे आकर उन्होंने देखा कि कमरे से धुआं निकल रहा है और भीषण आग लगी हुई है. परिजनों ने पहले घर के शीशे तोड़े उसके बाद अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन आग ने तब तक विकराल रुप धारण कर लिया था. आनन-फानन में दमकल विभाग को घटना की सूचना दी गई.
पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
सूचना मिलते ही दमकल विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक मासूम अध्या जैन काफी हद तक चल चुकी थी. परिजन उसको अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. मासूम की मौत के बाद से ही माता-पिता के साथ-साथ परिजनों का भी रो रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने बिना किसी कार्रवाई के मासूम का अंतिम संस्कार कर दिया है.
शर्ट सर्किट से लगी थी आग
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया पता लगा है कि शर्ट सर्किट की वजह से ये हादसा हुआ है. घर में लगे प्लास्टिक के वॉल पेनल ने आग पकड़ ली. खिड़की दरवाजे बंद थे जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है.
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