शाही जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? संभल कोर्ट ने दिया सर्वे कराने का आदेश

संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वे होगा. सर्वे कराने को लेकर जिला अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर को आदेश दिया है. यह आदेश महंत ऋषिराज गिरी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की याचिका पर दिया गया. याचिक में दावा किया गया है कि डाकखाना रोड पर स्थित शाही जामा मस्जिद पहले हरिहर मंदिर था. 1529 में बाबर ने इसे तोड़कर मस्जिद बना दिया. यहीं पर कल्कि भगवान अवतार लेंगे.

शहर कोतवाली क्षेत्र में डाकखाना रोड पर शाही जामा मस्जिद स्थित है. महंत ऋषिराज गिरी इस मस्दिज को हमेशा से हरिहर मंदिर बताते आ रहे हैं. उन्होंने इसको लेकर कोर्ट का भी रुख किया था. महंत ऋषिराज गिरी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने एक याचिका डाली थी. याचिका में उन्होंने दावा किया था कि यह शाही जामा मस्जिद नहीं, बल्कि हरिहर मंदिर है. यहां कल्कि भगवान लेंगे.

कोर्ट ने दिया सर्वे कराने का आदेश

याचिका में दावा किया गया कि आक्रमणकारी बाबर ने 1529 में यहां स्थित मंदिर को तोड़कर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था. सुनवाई के दौरान उन्होंने कई साक्ष्य पेश किए और कोर्ट से मस्जिद का सर्वे कराए जाने की मांग की. उनकी याचिका पर संभल जिला अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे कराने का आदेश दिया.

मीर बेग ने बनवाई थी शाही जामा मस्जिद

संभल की शाही जामा मस्जिद को बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है. यह संभल के सबसे पुराने स्मारकों में एक है. बताया जाता है कि संभल की शाही जामा मस्जिद को 1529 में मुगल बादशाह बाबर के आदेश के तहत मीर बेग ने बनाया था. यह भी दावा किया जाता है कि मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ दिया गया था. अब इसी को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.