मणिपुर एक बार फिर जल रहा है. राजधानी इंफाल में भड़की हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दी गई है. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. गुस्साई भीड़ ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घर में आग लगा दी. कार और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार करने की मांग की.
मणिपुर पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गुस्साई भीड़ ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों समेत जन प्रतिनिधियों के घरों और संपत्तियों को निशाना बनाया है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का सहारा लिया. इम्फाल में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सेना और असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई है. फ्लैग मार्च निकाला गया. भीड़ को तितर-बितर करने के क्रम में आठ लोग घायल हुए हैं.
अब तक 23 की गिरफ्तारी, 7 जिलों में इंटरनेट बंद
घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना में शामिल 23 लोगों को अरेस्ट किया गया है. इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों से इन लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनके पास से 32 पिस्टल, एसबीबीएल के 07 राउंड, 8 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. अगले आदेश तक शहर में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंटरनेट और मोबाइल सर्विस को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है. कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए एसएसपी/सीओ को जमीन पर तैनात किया गया है. वरिष्ठ अधिकारी 24 घंटे स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं.
आखिरी मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा?
जिरी नदी से तीन शव मिलने के बाद लोगों में गुस्सा फूट गया. इसी को लेकर नाराज लोगों ने मंत्री के घर का रुख किया लेकिन जब उन्हें पता चला कि मंत्री जी राज्य में नहीं है. इसके बाद नाराज लोगों ने घर में तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया. हिंसा के विरोध में लोगों ने इंफाल में प्रदर्शन किया गया और आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार करने की मांग की. हालात को देखते हुए इंफाल में इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सात जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया.
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