भोपाल। शहर में 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए कई वार्डों में शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड बनवाने में परेशानी हो रही है। वजह अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों का मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं होना है, जिसके कारण ओटीपी नहीं आ रहा। अब उन्हें आधार केंद्रों पर जाकर मोबाइल नंबर अपडेट कराना पड़ रहा है। कई वरिष्ठ नागरिकों के फिंगर प्रिंट मशीन स्कैन नहीं कर पा रही है, क्योंकि बढ़ती उम्र के चलते उनके हाथों की लकीरें ही गायब हो गई हैं। कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो घर से अकेले सेंटर तक नहीं आ सकते हैं।
अकेले राजधानी में एक लाख चार हजार बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनकी आयु 70 साल से अधिक है। यह सभी योजना के हकदार हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 2600 को ही जोड़ा जा सका है। ऐसे में इन्हें योजना से जोड़ना बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों के कार्ड बनाने के लिए वार्ड कार्यालयों में शिविर लगा रहा है। वहीं, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी गई है, लेकिन जागरूकता और तकनीक की जानकारी नहीं होने से परेशान हो रहे हैं। इसको लेकर विभाग अब नए एक्शन प्लान तैयार करने में जुट गया है।
जिन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया समझ नहीं आ रही है, वे एमपी ऑनलाइन सेंटर जा रहे हैं। चांदबड़ क्षेत्र में 73 वर्षीय दंपती ने बताया कि मोबाइल पर वे रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे थे, इसलिए एमपी ऑनलाइन सेंटर पर पहुंचे। यहां हमसे एक कार्ड का 100 रुपये शुल्क लिया गया, जबकि यह प्रक्रिया निश्शुल्क है।
पिपलानी निवासी 72 वर्षीय कांताबाई घुटने के ऑपरेशन के लिए एक निजी अस्पताल गई। यहां उनका ऑपरेशन तो कर दिया गया, परंतु बाद में बताया कि उनका फिंगर प्रिंट स्कैन न होने से क्लेम रिजेक्ट हो गया है। वहीं, 76 साल के रामनारायण शर्मा का भी घुटने के ऑपरेशन के बाद फिंगर प्रिंट मिलान न होने से इनका आयुष्मान क्लेम रिजेक्ट हो गया। आयुष्मान न होने से ऑपरेशन के लिए इम्प्लांट और दवा बाजार से लानी पड़ी।
वार्ड क्रमांक 58 के कार्यालय में आयुष्मान के लिए बुजुर्ग कतार में लगे थे। 73 वर्षीय सोनेलाल दुबे के आधार से कोई और नंबर जुड़ा हुआ है। ऐसे में कर्मचारी ने उन्हें पहले नंबर अपडेट कराने का सुझाव देकर लौटा दिया। वार्ड 59 में 71 वर्षीय प्रेमलता सिंह को भी निराशा हाथ लगी। उनके मोबाइल पर बार-बार प्रयास के बाद भी ओटीपी नहीं आया। जबकि नंबर भी सही था। ऐसे में कर्मचारी ने उन्हें मोबाइल पर एसएमएस वाला पैक डलवाने का सुझाव दिया, जिसके बाद बुजुर्ग महिला लौट गईं।
सीएमएचओ भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि हर बुजुर्ग को योजना से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके लिए बुजुर्ग को सिर्फ अपने आधार और उससे जुड़े मोबाइल नंबर को अपडेट रखने की जरूरत है। स्वास्थ्य कर्मचारी सबसे पहले बुजुर्ग के आधार की डिटेल पोर्टल पर दर्ज करता है। इसके बाद ओटीपी के जरिए इसका सत्यापन होता है। अंत में बुजुर्ग की फोटो अपलोड की जाती है। इस प्रक्रिया के बाद व्यक्ति की यूनिक आइडी जनरेट हो जाती है। जिसके जरिए वे अस्पताल में पहुंचकर निश्शुल्क इलाज करा सकता है।
योजना के तहत बुजुर्ग पांच लाख तक का सालाना निश्शुल्क इलाज करा सकते हैं। वहीं, परिवार में पहले से आयुष्मान कार्ड है तो बुजुर्गों को इस स्थिति में नई सुविधा का भी अतिरिक्त लाभ मिलेगा। यही नहीं, इस योजना से लाभ लेने के लिए किसी तरह की वेटिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा।
योजना में डेंटल ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन भी कवर नहीं है। योजना के तहत मरीज जनरल वार्ड में ही भर्ती हो सकते हैं। प्राइवेट व सेमी प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। अस्पताल में भर्ती होने से पहले यह देखना भी जरूरी है कि क्या वो अस्पताल योजना से जुड़ा हुआ है या नहीं।
स्वास्थ्य विभाग वार्ड कार्यालयों के बाद कालोनियों में भी शिविर लगाने जा रहा है। कोई भी व्यक्ति अपनी कालोनी और आसपास के 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों की जानकारी सीएमएचओ कार्यालय में जमा कर इन शिविरों को लगवा सकते हैं।
घर बैठे ही अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 14555 व 1800 233 2085 संचालित है, जिसके जरिए मदद लेकर बुजुर्ग कार्ड बनवा सकते हैं। इस दौरान आधार और उससे अटैच मोबाइल नंबर साथ रखें। इसके अलावा आयुष्मान एप और आयुष्मान बीआईएस पोर्टल https://beneficiary.nha.gov.in का उपयोग कर कार्ड बनवा सकते हैं।
आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. योगेश भरसात ने कहा कि योजना के तहत रोजाना औसतन 6.5 करोड़ रुपए के चार हजार से अधिक मुफ्त उपचार किए जा रहे हैं। हर बुजुर्ग को जरूरी इलाज मिले, इसके लिए उनके आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत बुजुर्गों के लिए नई योजनाएं जोड़ी जाएंगी। इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें हर प्रदेश से सुझाव मांगे गए हैं।
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