देश में अब सबसे महंगा शेयर एल्सिड इंवेस्टमेंट का है. ये आरबीआई के पास रजिस्टर्ड एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है, जो एशियन पेंट्स जैसी कंपनी के प्रमोटर्स ग्रुप का हिस्सा है. कभी आपने सोचा है कि आप एल्सिड जैसी प्रमोटर ग्रुप कंपनियों के शेयर तब क्यों नहीं खरीद पाते जब इनकी कीमत महज 3 या 3.5 रुपए के बीच होती है.
हाल में जब एल्सिड के शेयर की प्राइस डिस्कवरी के लिए स्टॉक कॉल ऑक्शन मेथड को अपनाया गया, तो इसका शेयर प्राइस सीधे 3 रुपए से 2.36 लाख रुपए तक पहुंच गया. इस तरह इसके इंवेस्टर्स के शेयर की वैल्यू 67,00,000 प्रतिशत तक बढ़ गई. बुधवार को भी इसके एक शेयर की कीमत 2.85 लाख रुपए के ऊपर बनी हुई है, जबकि बीते कुछ दिनों में ये 3.35 लाख रुपए प्रति शेयर के भाव तक जा चुका है.
क्या होती है प्रमोटर ग्रुप कंपनी?
जब किसी कंपनी या बिजनेस के लिए पैसा जुटाने वाला कोई व्यक्ति नहीं होता बल्कि एक कंपनी या ऑर्गनाइजेशन होता है, तो उसे प्रमोटर्स ग्रुप कंपनी का हिस्सा माना जाता है. किसी भी कंपनी के निवेशकों में कई सारी प्रमोटर्स ग्रुप कंपनी हो सकती हैं. प्रमोटर्स ग्रुप की कंपनियों को अपने निवेश के बदले में कंपनी के स्टॉक मिलते हैं, तो पूंजी में उनके हिस्से के तौर पर उन्हें दिए जाते हैं.
आम तौर पर प्रमोटर ग्रुप कंपनी कोई व्यक्ति ही बनाता है, जो अपने निवेश वाली कंपनी का प्रमोटर होता है. जैसे एल्सिड इंवेस्टमेंट के मामले में एशियन पेंट्स के शुरुआती डायरेक्टर्स में से एक रहे अभय वकील की फैमिली ही इसमें 75 प्रतिशत की मालिक है. इसी तरह टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा फैमिली ट्रस्ट्स की है.
ऐसे में जो प्रमोटर ग्रुप कंपनी होती है जैसे कि एल्सिड इंवेस्टमेंट, उनके शेयर की वैल्यू महज एक पेनी स्टॉक की तरह ही रहती है, क्योंकि उनमें कोई ट्रेड नहीं होता. इससे उस शेयर की डिमाड-सेल-सप्लाई-डिलीवरी इत्यादि को अंजाम नहीं दिया जाता और इनके शेयर अपनी जगह बने रहते हैं.
शुरू हुआ स्टॉक कॉल ऑक्शन
अब शेयर बाजारों ने इस तरह की प्रमोटर ग्रुप कंपनियों के लिए स्टॉक कॉल ऑक्शन जैसा मेथड डेवलप किया है. इसका मकसद शेयर बाजार में लिस्ट इस तरह की कंपनियों के शेयर की सही वैल्यू का पता लगाना है. एल्सिड इंवेस्टमेंट के साथ ये हो चुका है और आने वाले दिनों में टाटा संस की भी शेयर लिस्टिंग देखने को मिल सकती है.
आप क्यों नहीं खरीद पाते इनके शेयर?
अब अगर पूछा जाए कि आम आदमी क्यों नहीं खरीद पाता इन कंपनियों के शेयर, तो उसकी कई वजह हैं. एल्सिड इंवेस्टमेंट जैसी कंपनियों के ज्यादातर शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध ही नहीं होते. इन शेयर का लॉट साइज बहुत छोटा होता है और कीमत ज्यादा, इसलिए भी आम आदमी इन्हें नहीं खरीद पाता.
अगर एल्सिड इंवेस्टमेंट के शेयर को ही देखें तो शेयर प्राइस डिस्कवरी वाले दिन इसके महज 328 एक्सक्लूसिव शेयर होल्डर्स थे. जबकि कंपनी के मात्र 322 शेयर होल्डर्स ही पब्लिक थे. मंगलवार को भी कंपनी के महज 904 शेयर्स की ही ट्रेडिंग हुई है.
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