चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने हाल ही में अपनी नई पॉलिसी के माध्यम से मनी मार्केट में 500 अरब युआन यानी 70 अरब डॉलर की नकदी डालने की घोषणा की है. इस कदम का उद्देश्य चीनी अर्थव्यवस्था को कमजोरियों से उबारना और बैंकों को अधिक उधारी के लिए प्रेरित करना है. इस नए टूल के तहत केंद्रीय बैंक ने आउटराइट रिवर्स रेपो एग्रीमेंट के माध्यम से नकदी प्रवाह शुरू किया है. यह एग्रीमेंट छह महीने की अवधि के लिए होगा, जिससे बैंकों को लंबे समय के लिए नकदी की उपलब्धता में सहायता मिलेगी.
भारतीय बाजार के लिए बनेगा मुसीबत
PBOC के इस कदम से स्टॉक मार्केट में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे विदेशी निवेश के लिए अधिक आकर्षण पैदा होगा. इस रणनीति का उद्देश्य घरेलू मांग को बढ़ावा देना है, जो वर्तमान में संपत्ति बाजार में आई गिरावट के कारण कमजोर हो चुकी है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड के चीनी मैक्रो स्ट्रैटजी प्रमुख बेकी लियू का मानना है कि PBOC का यह कदम लिक्विडिटी को मजबूत बनाने और बैंकों के पुनर्भुगतान के दबाव को संतुलित करने में सहायक हो सकता है. इससे पहले मीडियम-टर्म लेंडिंग फैसिलिटी (MLF) के तहत हुए ऋण भुगतान और जमा में गिरावट से लिक्विडिटी पर असर पड़ा था.
अगर विदेशी निवेशक चीन की तरफ आकर्षित होते हैं तो वह अक्टूबर महीने की तरह नवंबर में भी भारतीय बाजार से निकासी जारी रखेंगे. इससे बाजार में जारी गिरावट और गोता लगाती नजर आएगी. अक्टूबर में बाजार में 6 फीसदी से अधिक की बिकवाली देखी गई थी, जिसने निवेशकों को 20 लाख करोड़ से अधिक रुपए स्वाहा कर दिए थे.
कैसे चीन की डूबती नैया लगेगी पार
PBOC का नया टूल, जो मौजूदा सात-दिन के रिवर्स रेपो से लंबी अवधि की नकदी उपलब्ध कराता है, बैंकों को वित्तीय संकट से उबरने में मदद करेगा. PBOC ने अपने बयान में कहा कि उसने अक्टूबर में ओपन मार्केट से 200 अरब युआन के सरकारी बॉन्ड भी खरीदे हैं, जो उसकी प्रोत्साहन नीति का हिस्सा है. इससे बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहेगी और ऋण व्यवस्था सुचारु होगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
Mizuho Securities की अर्थशास्त्री सेरेना झौ का मानना है कि 500 अरब युआन के नकदी प्रवाह का प्रभाव बैंक के आरक्षित आवश्यकताओं के अनुपात (RRR) में 25-बेसिस-पॉइंट कटौती के बराबर है, लेकिन इसकी लागत अधिक हो सकती है. ब्याज दर का खुलासा नहीं किया गया है, फिर भी यह कदम भविष्य में अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हो सकता है. इस प्रकार PBOC ने अपने मौद्रिक प्राधिकरण को पुनर्गठित कर वैश्विक पद्धतियों के अनुसार अधिक कुशल बनाया है, जिससे चीनी वित्तीय बाजारों में स्थिरता और विकास की उम्मीद की जा रही है.
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