UP का वो दबंग IPS, जिसने खा ली थी श्रीप्रकाश शुक्ला के खात्मे की कसम; सुबेश कुमार सिंह का हुआ निधन

उत्तर प्रदेश पुलिस में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश सिंह का आज निधन हो गया. 1984 बैच के आईपीएस सुबेश सिंह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे. इसी बीमारी की वजह से मंगलवार की देर रात 68 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. वहीं बुधवार की दोपहर बनारस में उन्हें मुखाग्नि दी गई. मूल रूप से भागलपुर के रहने वाले आईपीएस सुबेश सिंह का जन्म 3 जनवरी 1956 को हुआ था. बॉटनी से एमएससी की पढ़ाई करने के बाद उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच में हुआ था.

उस समय वह उन्हें उत्तर प्रदेश कॉडर मिला. पुलिस एकेडमी की ट्रेनिंग के बाद सुबेश सिंह की फील्ड ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश पुलिस में डीजी रहे पूर्व आईपीएस ओपी सिंह के मार्ग दर्शन में हुई. इसके बाद वह पहली बार संयुक्त उत्तर प्रदेश में पिथौरागढ़ जिले की कप्तानी मिली. फिर वह मऊ, जौनपुर, देहरादून, फैजाबाद और गोरखपुर में एसपी रहे. 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश की राजधानी में एसएसपी का चार्ज मिला था. इसके बाद वह कई जोन में डीआईजी, आईजी और एडीजी का सफर तय करते हुए डीजी की पोस्ट तक पहुंच कर सेवानिवृत हुए थे.

डीजी पद से रिटायर हुए सुबेश सिंह

एडीजी रहते सुबेश सिंह की पोस्टिंग कुछ समय एसटीएफ, एटीएस, कानून व्यवस्था, कार्मिक व एडीजी ट्रेनिंग के पद पर भी रही है. इसके अलावा वह डीजी ईओडब्ल्यू और राज्य सूचना आयुक्त के पद पर भी तैनात रहे हैं. आम तौर पर शांत और योजनावद्ध तरीके से काम करने वाले आईपीएस लखनऊ एसएसपी रहते एक बार उग्र हो गए थे. उस समय के गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ पुलिस मुठभेड़ हुई थी. इसमें श्रीप्रकाश की गोली लगने से एसएसपी के पेशकार आरके सिंह की मौत हो गई थी.

श्रीप्रकाश शुक्ला के खात्मे की खाई थी कसम

इस घटना के बाद उन्होंने पुलिस मीटिंग में ही शपथ ली थी कि अब श्रीप्रकाश शुक्ला को मिट्टी में मिलाने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे. हालांकि इस घटना के कुछ ही दिन बाद श्रीप्रकाश शुक्ला को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए एसटीएफ का ही गठन हो गया और इस एसटीएफ ने महज छह महीने के अंदर ही श्रीप्रकाश शुक्ला को मार गिराया था. बाद में सुबेश सिंह भी एसटीएफ में डीआईजी बने और बदमाशों के खात्मे की कई योजनाओं पर प्रभावी काम किया.

आईपीएस लॉबी में शोक की लहर

डीजी पद से रिटायर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें कई न्यायिक आयोग में भी सदस्य बनाया. इसमें प्रयागराज में मॉफिया डान अतीक-अशरफ की हत्या का मामला भी शामिल है. सुबेश सिंह के अंडर में सीओ रहे राजेश पांडेय अपनी किताब वर्चस्व में उन्हें शानदार और जानदार अफसर बताते हैं. वहीं सुबेश कुमार सिंह की ट्रेनिंग के समय उनके एसएसपी रहे पूर्व आईपीएस ओपी सिंह ने भी उनके निर्णयों की सराहना की है. सुबेश सिंह के निधन पर पूर्व आईपीएस ओपी सिंह ने सोशल मीडिया पर संदेश लिखा है. इसमें कहा है कि उन्होंने एक सच्चा, सज्जन, उदारवादी और डयूटी को समर्पित साथी खो दिया है. कहा कि सुबेश कुमार सिंह अपने पीछे ईमानदारी, दयालुता और वफादारी की विरासत छोड़ गए हैं.

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