मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और अशोक कटारिया, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह समेत कई बीजेपी नेता मुजफ्फरनगर एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए. उनके खिलाफ वारंट जारी हुए थे. उन्होंने अपना वारंट कोर्ट में रिकॉल कराया. इसके बाद उन्हें करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रखा गया.
इन सभी पर साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के दौरान नंगला मदौड़ पंचायत में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा उल्लंघन का आरोप है. इनमें एक आरोपी डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ फिर से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. वह पहले की तरह फिर से कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने आगामी 16 नवंबर की तारीख तय की है और इस दिन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
2013 में भड़क गया था दंगा
कोर्ट ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा किया गया है. 31 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के नंगला मंदौड़ में पंचायत हुई जिसमें आरोपियों ने भीड़ में बीच में भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके बाद मुजफ्फरनगर और शामली में दंगा भड़क गया था. जिसमें 60 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. इस दंगे में घर-दुकान और अन्य संपत्तियों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी. इस दंगे की वजह से 40 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे.
MP-MLA कोर्ट में चल रही है सुनवाई
अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि इस मामले में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, पूर्व विधायक उमेश मलिक और अशोक कंसल, विहिप नेता साध्वी प्राची, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद SIT ने जांच कर अलग-अलग दो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. मुकदमे की सुनवाई MP-MLA कोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन देवेन्द्र फौजदार कर रहे हैं.
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