प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 115 वीं बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड को लेकर अहम जानकारी दी और लोगों को जागरूक किया. पीएम ने कार्यक्रम में एक वीडियो दिखाई जहां एक व्यक्ति पुलिस के कपड़े पहन कर दूसरे व्यक्ति से पूछताछ कर रहा है और आधार कार्ड दिखाने की मांग कर रहा है.
डिजिटल अरेस्ट को लेकर पीएम मोदी ने कहा, हर उम्र हर वर्ग के लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं. लोगों ने डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गंवा दिए हैं. पीएम मोदी ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा, कभी भी आपको इस तरह का कोई कॉल आए तो आपको डरना नहीं है. आपको पता होना चाहिए की कोई भी जांच एजेंसी, फोन कॉल या वीडियो कॉल पर इस तरह पूछताछ कभी भी नहीं करती.
डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण
पीएम मोदी ने बताया कि जब कभी भी आपको ऐसा कोई डिजिटल अरेस्ट के लिए फ्रॉड कॉल आता है तो आपको सबसे पहले घबराना नहीं है. पीएम मोदी ने साथ ही डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताए.
- रुको
- सोचो
- एक्शन लो
पीएम ने कहा ऐसा कुछ हो तो शांत रहना चाहिए, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें. दूसरा चरण है सोचो. पीएम ने कहा आपको सोचना चाहिए कि कोई भी एजेंसी फोन पर ऐसी धमकी नहीं देती है, न ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है. अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है.
आखिरी और सबसे अहम तीसरे चरण की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, तीसरा चरण है एक्शन लो. राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें. साथ ही साइबर क्राइम की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें. परिवार और पुलिस को सूचित करें.
कैसे करें शिकायत?
पीएम ने कहा ऐसा फ्रॉड करने वाले हजारों वीडियो आईडी को ब्लॉक किया गया है. लाखों सिम कार्ड, बैंक अकाउंट को भी ब्लॉक किया गया है. पीएम ने कहा, एजेंसी अपना काम कर रही हैं, लेकिन डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हो रहे स्कैम से बचने के लिए बहुत जरूरी है हर नागरिक की जागरूकता. आप इस चुनौती के मुकाबले के लिए हैशटैग #SAFEDIGITALINDIA के साथ आपके साथ जो स्कैम हुआ उसको सोशल मीडिया पर शेयर करें और ज्यादा से ज्याद लोगों को जागरूक करें.
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