इजराइल ने शनिवार रात ईरान पर करीब 100 फाइटर जेट के साथ हमला किया. इस हमले में ईरान के दस सैन्य अड्डों को निशाना बनाया गया था, इजराइल ने इस हमले को सफल और एक अक्टूबर के ईरान के हमले के जवाब बताया है, हमले के पहले से ही इस बात पर चर्चा हो रही थी कि क्या इजराइल ईरान के परमाणु प्रोग्राम को निशाना बनाएगा या नहीं. अब इसको लेकर दुनियाभर में न्यूक्लियर प्रोग्रामों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (IAEA) का बयान आया है.
IAEA (International Atomic Energy Agency) के डारेक्टर राफेल ग्रॉसी ने एक्स पर बताया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम, जो अंतरराष्ट्रीय विवाद की जड़ है. सैन्य सुविधाओं पर इजराइल के घातक हवाई हमले से प्रभावित नहीं हुआ और अपना काम जारी रखे हुए है. साथ राफेल ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने का आग्रह भी किया है.
सैटेलाइट इमेज से पता चल रहा ईरान का नुकसान
दो अमेरिकी रिसर्चर्स के अलग-अलग आकलन के मुताबिक सेटेलाइट इमेजरी से पता चल रहा है कि शनिवार को हुए इजराइल के अटैक में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनका इस्तेमाल ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए सॉलिड फ्यूल मिक्स करने के लिए करता था. ये आकलन वाशिंगटन थिंक टैंक CNA डेकर एवेलेथ और UN के अधिकारी डेविड अलब्राइट की ओर से किया गया है.
दोनों जानकारोंने रॉयटर्स को अलग-अलग बताया कि इजराइल ने तेहरान के पास एक विशाल सैन्य परिसर परचिन पर हमला किया. एवेलेथ के मुताबिक इजराइल ने तेहरान के पास एक विशाल मिसाइल बनाने वाली फैसिलिटी खोजिर पर भी हमला किया है.
ईरान ने भी माना
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अपने बयान में कहा कि शनिवार तड़के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए इजराइली हवाई हमलों में कम से कम चार सैनिक मारे गए और रडार सिस्टम क्षतिग्रस्त हुए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमने मजबूती के साथ हमले का बचाव किया. ईरान के वायु रक्षा ऑफिस ने भी इलाम, खुजिस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों पर हमला की पुष्टि की है.
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