वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की बैठक के दौरान सदस्यों के बीच विवाद हो गया था. मामले को लेकर संसद की संयुक्त समिति के प्रमुख जगदंबिका पाल ने मीडिया में बयान दिया. उनके बयान को विपक्ष के सांसदों ने नियमों के उल्लंघन के रूप में बताया था.
अपने ऊपर लगे आरोपों पर बुधवार को समिति के प्रमुख ने सफाई दी. उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैंने केवल हिंसा की घटना का जिक्र किया, जोकि नियमों का उल्लंघन नहीं है.
विपक्ष ने आरोप लगाया
विपक्ष के सांसद संजय सिंह और ए. राजा ने आरोप लगाया था कि पाल ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा समिति की बैठक के दौरान कांच की बोतल तोड़कर फेंकने की घटना के बारे में सार्वजनिक बयान देकर नियमों का उल्लंघन किया है.
घटना पर कोई टिप्पणी न करते हुए विपक्ष के सांसदों ने कहा कि नियम के अनुसार बंद कमरे में आयोजित की जाने वाली बैठक के बारे में सार्वजनिक बयान नहीं दिया जाना चाहिए.
पाल ने विपक्ष के आरोपों पर मीडिया में सफाई देते हुए कहा कि मैंने समिति की किसी कार्यवाही या विचार-विमर्श के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है. मैंने केवल समिति की बैठक के दौरान एक सदस्य द्वारा की गई हिंसा की घटना और उसके बाद के निलंबन के बारे में बयान दिया. मैंने हमेशा संसदीय प्रक्रिया के नियमों का पालन किया है और सदन की गरिमा को बरकरार रखा है.
टीएमसी सांसद ने बोतल तोड़ दी थी
वक्फ संबंधी संसदीय समिति की बैठक में मंगलवार को एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी की कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंक दी. इसके बाद उन्हें एक दिन के लिए समिति की बैठक से निलंबित कर दिया गया.
बीजेपी के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस के दौरान बनर्जी गुस्से में आ गए और बोतल तोड़कर फेंक दी. इस दौरान उनकी अंगुलियों में चोट आई. पाल ने बनर्जी के आचरण की निंदा करते हुए कहा था कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे.
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