हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है और नायब सिंह सैनी दूसरी बार सत्ता की कमान संभाल ली है. पंचकुला के सेक्टर 5 के दशहरा ग्राउंड में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इस दौरान बीजेपी के 13 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. नायब कैबिनेट के जरिए बीजेपी ने हरियाणा के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कवायद की है, लेकिन दक्षिण हरियाणा और जीटी रोड बेल्ट का सरकार में दबदबा साफ दिख रहा है.
नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में अनिल विज, कृष्ण लाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम को जगह मिली है. इस तरह बीजेपी ने सैनी कैबिनेट में अनुभवी के साथ-साथ नए चेहरों को जगह देकर 36 बिरादरी को साधने की कोशिश की है. इसके अलावा जातीय समीकरण के साथ-साथ क्षेत्रीय बैलेंस बनाने की कोशिश की गई है.
कैबिनेट से साधा जातीय समीकरण
हरियाणा में तीसरी बार बनी बीजेपी सरकार में सबसे ज्यादा तवज्जो ओबीसी समुदाय को दी गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित पांच ओबीसी के नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है. इसके अलावा दलित समुदाय से दो मंत्री बनाए हैं तो दो जाट और दो ब्राह्मण समाज से मंत्री बने हैं. पार्टी ने अपने कोर वोट बैंक पंजाबी समुदाय का भी ख्याल रखा है और अनिल विज को मंत्री बनाया है. इसके अलावा एक वैश्य और एक ठाकुर समाज से मंत्री बनाया है. इस तरह नायब सैनी ने हरियाणा के सभी समाज को साधने का दांव चला है.
कैबिनेट में OBC को सबसे ज्यादा तवज्जो
बीजेपी का पूरा फोकस हरियाणा में ओबीसी वोटों पर रहा है, जिसका नतीजा है कि कैबिनेट में सबसे ज्यादा अहमियत ओबीसी समुदाय के नेताओं को दी गई है. ओबीसी से कुल पांच मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें दो यादव, एक सैनी, एक प्रजापति और गुर्जर समुदाय से हैं. नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया है तो प्रजापति समुदाय से आने वाले रणबीर गंगवा को मंत्री बनाया गया है. यादव समुदाय से राव नरवीर सिंह और आरती राव को कैबिनेट में जगह दी गई है. गुर्जर समाज से आने वाले राजेश नागर को मंत्री बनाया गया है.
बीजेपी ने एक तरफ राव इंद्रजीत की बेटी को जगह दिया तो दूसरी ओर उनके विरोध राव नरवीर सिंह को भी कैबिनेट में शामिल करके सियासी बैलेंस बनाने की कोशिश की है. यादव वोटों के दम पर अहिरवाल बेल्ट में बीजेपी ने कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों का सफाया कर दिया है. यही वजह है कि यादव समुदाय को सियासी संदेश देने के लिए खास तवज्जे दी गई है. हरियाणा में 35 से 40 फीसदी के बीच ओबीसी वोटर हैं, जिसका बड़ा तबका बीजेपी के साथ खड़ा रहा. इसीलिए पांच मंत्री ओबीसी समाज से बनाए गए हैं.
जाट-दलित-ब्राह्मण की कैमिस्ट्री बनाई
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने भले ही सत्ता की कमान सौंपी हो, लेकिन सियासी कॉम्बिनेशन बनाने के लिए अपने कोर वोटबैंक ब्राह्मण समुदाय और दलितों का भी खास ख्याल रखा है. ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में अरविंद शर्मा और गौरव गौतम को मंत्री बनाया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में जिस तरह दलित वोटों को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा रहा और बीजेपी उन्हें अपने साथ जोड़ने में कामयाब रही है, उसके चलते ही नायब सैनी सरकार में दो दलित नेताओं को जगह दी है. दलित चेहरे के तौर पर कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी को जगह मिली है. पंवार जाटव समुदाय से आते हैं तो कृष्णा बेदी वाल्मिकी समुदाय से आती हैं.
हरियाणा के सियासी समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने जाट समुदाय को भी मंत्रिमंडल में जगह दी है. जाट समुदाय से महिपाल ढांडा और श्रुति चौधरी को सैनी सरकार में जगह मिली है. सूबे में 25 फीसदी से ज्यादा जाट वोटर हैं और बीजेपी ने जिस तरह जाटलैंड इलाके में जीत दर्ज की है, उसके चलते जाट समुदाय को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देकर सियासी संदेश देने का दांव चला है.
पंजाबी-वैश्य-ठाकुर को कैबिनेट में एंट्री
बीजेपी अपने कोर वोटबैंक पंजाबी समुदाय का भी ख्याल रखा है. अंबाला छावनी से सातवीं बार चुनाव जीतकर आए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को इस बार मंत्रिमंडल जगह मिली है. अनिल विज पिछले काफी समय से नाराज चल रहे थे और उन्होंने विधानसभा चुनाव में सीएम पद के लिए दावेदारी ठोंकी थी. नायब सरकार के पहले कार्यकाल में शामिल नहीं थे, लेकिन दूसरे टर्म में उन्हें मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा वैश्य समुदाय से विपुल गोयल को मंत्री बनाया गया है. पंजाबी समाज की तरह वैश्य समुदाय भी बीजेपी का कोर वोटबैंक माना जाता है, जिसे साधे रखने का दांव चला है. इसी तरह पार्टी ने ठाकुर समुदाय से श्याम सिंह राणा को मंत्री बनाया गया है.
हरियाणा का क्षेत्रीय बैलेंस बनाने की कोशिश
नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट के जरिए हरियाणा के जातीय ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय बैलेंस भी बनाने का दांव चला है. दक्षिण हरियाणा में बीजेपी ने जबरदस्त तरीके से जीत दर्ज की थी. इसके चलते ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने तो खुलकर दक्षिण हरियाणा से सीएम बनाए जाने की मांग भी कर दी थी. बीजेपी ने दक्षिण हरियाणा से भले ही सीएम नहीं बनाया, लेकिन अच्छा खासा प्रतिनिधित्व दिया है. दक्षिण हरियाणा क्षेत्र से छह मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें गौरव गौतम, विपुल गोयल, राजेश नागर, श्रुति चौधरी, राव नरबीर और आरती राव शामिल हैं.
जीटी रोड बेल्ट से आने वाले नायब सिंह सैनी के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजा है. इसके अलाव जीटी रोड बेल्ट से चार मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें अनिल विज, महिपाल ढांडा, कृष्ण लाल पंवार, कृष्ण बेदी जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. इस तरह कुरुक्षेत्र, अंबाला और पानीपत जिले के जरिए बीजेपी अपने मजबूत दुर्ग जीटी रोड बेल्ट को साधे रखने की रणनीति अपनाई है. इसके अलावा बीजेपी ने पश्चिम हरियाणा से रणबीर गंगवा को मंत्रिमंडल में जगह दी है, जो हिसार जिले से जीतकर आए हैं. इस तरह जाटलैंड से सिर्फ अरविंद शर्मा को मंत्री बनाया है.पश्चिमी हरियाणा और जाटलैंड के नेताओं को सैनी कैबिनेट में कोई खास जगह नहीं मिली है.
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