राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 10 साल से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे एक अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया है. सरकार ने RAS नरसिंह को बर्खास्त कर दिया है. सरकार न एक्शन इसलिए है कि नरसिंह बिना किसी सूचना के पिछले 10 साल से अपनी ड्यूटी से नदारद चल रहे थे. सरकार बदलने के बाद भी नरसिंह अपनी ड्यूटी पर वापस नहीं आए और ना ही संबंधित विभाग या सीनियर अधिकारी को सूचना दी. जिसके बाद कार्मिक विभाग ने बर्खास्त किए जाने का आदेश जारी कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक नरसिंह के खिलाफ एक्शन से पहले विभाग के अधिकारियों ने कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. आरएएस अधिकारी के द्वारा कोई जवाब ना मिलने के बाद भजनलाल सरकार ने एक्शन लिया है. सरकार ने नरसिंह को नकारा अफसर कहा है.
2014 में हुआ था ट्रांसफर
नरसिंह की फरवरी 2014 में अलवर के बहरोड़ में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती हुई थी. वहीं 28 फरवरी को अफसरों के तबादला की सूची जारी हुई जिसमें नरसिंह का भी नाम शामिल था. नरसिंह का ट्रांसफर बहरोड़ से जैसलमेर जिले के पोखरण कर दिया गया. यहां उन्हें एसडीओ के पद पर तैनात किया. हालांकि ट्रांसफर के बाद नरसिंह ने पदभार ग्रहण नहीं किया और न ही विभाग को सूचना भेजी
भजनलाल सराकर ने लिया एक्शन
नरसिंह के पदभार ग्रहण न करने पर विभाग की तरफ से कई बार सूचना दी गई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. कोई जवाब नहीं आने पर और बिना सूचना के अनुपस्थित होने के बाद विभाग नए अधिकारी की नियुक्ति करनी पड़ी. आरएएस नरसिंह के द्वारा बिना बताए ड्यूटी से अनुपस्थित रहने और विभाग के द्वारा भेजे गए लेटर का कोई जवाब नहीं दिए जाने के बाद भजनलाल सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है. सरकार ने कहा कि नकारा अफसर को पद से मुक्त कर देना ही जरूरी है. इससे विभाग के काम प्रभावित होते हैं.
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