उत्तराखंड के हरिद्वार जेल से फरार होने वाले कैदी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. जेल के अंदर रामलीला का मंचन किया जा रहा था उसी दौरान मौके का फायदा उठाकर दोनों कैदी फरार हो गए. कैदियों के फरार होने के बाद जेल महकमे और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. 12 अक्टूबर को दोनों कैदी जेल से फरार हुए थे. पुलिस ने अब उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दोनों के सिर पर 50-50 हजार रुपये का इनाम रख दिया है.
पुलिस ने बताया कि जेल से फरार होने की प्लानिंग तीन कैदियों ने बनाई थी लेकिन फरार होने में दो ही कामयाब हुए हैं. दोनों कैदी की रेकी की जा रही है. प्रवीण वाल्मीकि गैंग के शार्प शूटर पंकज और रामकुमार फिलहाल दोनों साथ ही घूम रहे हैं. पुलिस ने जब परिजनों से कॉन्टैक्ट किया तो उन्होंने बताया कि दोनों एक साथ पंकज के ससुराल पहुंचे थे. पंकज ने वहां अपनी पत्नी से मुलाकात की और अपने पिता-ताऊ का हालचाल भी जाना. इसके बाद दोनों वहां से चले गए.
2 घंटे के लिए गया ससुराल
परिजनों ने पुलिस को बताया कि उन्हें यह पता नहीं है कि वह कहां गए. वह केवल 2 घंटे के लिए ही लेबर कॉलोनी में ससुराल गया था. बता दें कि सफाई नायक बसंत चौधरी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे प्रवीण वाल्मीकि गैंग के शूटर पंकज और विचाराधीन कैदी रामकुमार शुक्रवार रात को जेल से फरार हो गए थे.
सीढ़ी से फांदी दीवार
जांच में पता चला कि जेल के अंदर हाई सिक्योरिटी बैरक का निर्माण कार्य हो रहा है जिसके लिए सीढ़ियां लाईं गईं थीं. वही सीढ़ी जेल में पड़ी रही और किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया. इसी सीढ़ी की मदद से जेल की ऊंची दीवार फांदने में दोनों कैदी सफल हो गए. पंकज और रामकुमार के साथ एक अन्य कैदी भी फरार होने की कोशिश में था लेकिन वह फरार नहीं हो पाया. उसका नाम छोटू बताया जा रहा है. पुलिस की जांच में ये भी सामने आया है कि कुल 4 कैदियों ने फरार होने का प्लान बनाया था. हालांकि सीसीटीवी में चार कैदियों के दिखने के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पा रही है.
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