भोपाल। संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) की नई सब्जी मंडी केवल नाम के लिए ही नई है। मंडी में कुछ भी नया नजर नहीं आता। विकास योजना पूरी नहीं होने के कारण दुकानें बंद होती जा रही हैं। आलम यह है कि चबूतरों का रखरखाव भी नगर निगम नहीं कर पा रहा है।
एक समय बाजार के मध्य में सब्जी मंडी लगती थी। 1977 में यहां नई मंडी का निर्माण किया गया। इसका नाम संत कंवरराम सब्जी मंडी रखा गया। शुरूआत में यहां अच्छा कारोबार होता था। मंडी का रखरखाव भी होता था। 10 साल पहले नगर निगम ने यहां शॉपिंग काम्प्लेक्स का निर्माण कराया। पास में मल्टीपार्किंग भी बना दी गई।
नगर निगम ने भवानी मार्ग पर नई मंडी बनाने की शर्त पर सब्जी व्यापारियों को मंडी खाली कराने के लिए सहमत किया, लेकिन नई मंडी में नगर निगम स्वीकृत कार्य आठ साल बाद भी नहीं कर सका है। सब्जी मंडी का पहुंच मार्ग खराब है। इसे वन वे मार्ग बनाकर पार्किंग विकसित करने का प्रस्ताव था, लेकिन नगर निगम ने यह काम नहीं किया। शॉपिंग काम्पलेक्स की तरह आधुनिक दुकानें बनाने के बजाय सीमेंट शेड के साथ कच्ची दुकानें बना दी गईं, जो अब बंद होती जा रही हैं।
फुटकर ठेला व्यवसायियों को नई मंडी में बसाने के प्रस्ताव पर भी अमल नहीं हो पा रहा है। मंडी यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि नगर निगम सब्जी मंडी के पास ही अच्छा हाकर्स कार्नर बना दे तो भी मंडी में अच्छा कारोबार हो सकता है। सब्जी का पूरा कारोबार एक ही जगह होना चाहिए।
सब्जी व्यवसायी वासुदेव दरियानी के अनुसार मंडी में व्यापार बहुत कम हो गया है। इस कारण दुकानें बंद हो रही हैं। सब्जी मंडी यूनियन के महासचिव हरीश मेहरचंदानी ने कहा है कि नगर निगम प्रशासन को मंडी विकसित करने का अपना वायदा पूरा करना चाहिए। व्यापारी इस संबंध में नगर निगम आयुक्त से मुलाकात करने का मन बना रहे हैं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.