हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव के नतीजों का असर अब दूसरे राज्यों में भी दिखने लगा है. दिल्ली विधानसभा के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी. पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, हम दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे. एक तरफ अति आत्मविश्वास वाली कांग्रेस है और दूसरी तरफ अहंकारी बीजेपी है.
क्या हैं बयान के मायने
चुनाव नतीजों के अगले दिन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का यह बयान दिखाता है कि पार्टी दिल्ली में गठबंधन को लेकर कोई गुंजाइश नहीं रखना चाहती. हरियाणा के चुनाव में आप चाहती थी कि गठबंधन हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ और दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े, जिसका नुकसान दोनों को उठाना पड़ा. एक तरफ जहां कांग्रेस राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बहुमत से दूर रह गई, वहीं आप राज्य में अपना खाता खोलने में असफल रही.
चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन बात नहीं बनी. आप राज्य में 7-10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं थी. राज्य की कांग्रेस इकाई गठबंधन के खिलाफ थी जिसके कारण लंबी बातचीत के बावजूद गठबंधन नहीं हो पाया.
दिल्ली में जल्द ही चुनाव होने हैं. पिछले 10 साल से केंद्र शासित प्रदेश में आप का शासन है. पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित सभी बड़े नेता शराब घोटाले में जमानत पर बाहर आ चुके हैं. केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर पूरी तरह पार्टी को समय दे रहे है. इससे पार्टी को उम्मीद है कि आने वाले चुनाव में बिना गठबंधन के ही जीत जाएगी.
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के गठबंधन से मना करने से भी पार्टी नाराज है. लोकसभा का चुनाव दोनों पार्टियों ने मिलकर लड़ा था, लेकिन खास फायदा नहीं हुआ. बीजेपी ने प्रदेश की सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी.
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