दमोह : सोमवार की सुबह-सुबह दल बल के साथ दमोह प्रशासन के अधिकारी सिविल वार्ड स्थित क्रिश्चियन कम्युनिटी हॉल पहुंचे। मसीही समाज गृह परिसर में वर्षों पुराना क्रिश्चियन समाज के कब्जे वाली जमीन को जिला प्रशासन ने शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण मानते हुए हटा दिया। वहीं मसीही समाज के लोगों ने इस दौरान अपने गम और गुस्से का भी इज़हार किया है।
दमोह के क्रिश्चियन समाज का समाज गृह से लगी हुई ज़मीन का एक हिस्सा आज दमोह प्रशासन ने नजूल की ज़मीन मानते हुए वहां का निर्माण हटा दिया जबकि यह जमीन का हिस्सा वर्षों से क्रिश्चियन समाज के लोगों के पास कब्ज़े में रही। जहां बाउंड्री बॉल बनाकर उस हिस्से को समाज गृह के परिसर में जोड़ लिया गया था। वहीं मसीही समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें अपनी बात रखने का समय भी नहीं दिया गया। शनिवार रविवार लिखा पढ़ी की गई और सोमवार की सुबह-सुबह अतिक्रमण हटाया गया, उनका कहना यह है कि काफी लंबे समय से वे इस भूमि पर काबिज है। इस कार्यवाही से क्रिश्चियन समाज के लोगों को काफ़ी आहत हुए हैं। इस दौरान क्रिश्चियन कम्युनिटी के सैकड़ों लोगों ने अपना गम और गुस्सा भी ज़ाहिर किया।
इस पूरी कार्यवाही पर दमोह तहसीलदार की माने तो लंबे समय से यह कार्यवाही चल रही है। यहां का यह पूरा प्रांगण करीब 50 हजार स्क्वायर फीट में फैला हुआ है जिसमें से 15000 स्क्वायर फीट नजूल की जगह बताते हुए प्रशासन ने उसे खाली करवाया है।
मसीही समाज के कब्ज़े में यह ज़मीन वर्षों से है लेकिन प्रशासन ने अपनी कार्यवाही के लिए जो दिन और समय चुना वह सभी को हैरत में डालने वाला था। दमोह तहसीलदार ने शनिवार रविवार लिखा पढ़ी की और सोमवार की सुबह-सुबह 6 बजे के बाद से कार्यवाही शुरू कर दी, मतलब मसीही समाज को न्यायालय तक जाने का मौका भी नहीं मिला इसी बात से मसीही समाज में नाराज़गी है।
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