समुद्री डकैती की घटनाएं पूरी दुनिया के चिंता का सबब हैं. इन वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ अलग-अलग स्तर पर दुनिया के तमाम देश ऑपरेशन भी चला रहे हैं. इस बीच इटली की नौसना के एक अधिकारी के बयान ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने दावा किया है कि समुद्री डकैती बढ़ सकती है. इसकी वजह है अधिकतर पोत यातायात को लाल सागर से ‘केप ऑफ गुड होप’ के जरिए मोड़ना.
नौसेना के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल ऑरेलियो डी कैरोलिस शुक्रवार को गोवा में थे. यहां उन्होंने कहा कि ईरान समर्थित हूती विद्रोही के खतरे के कारण उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और अरब के बीच लाल सागर से व्यापार कम हो गया है. अधिकतर पोतों का अब दक्षिण अफ्रीका के ‘केप ऑफ गुड होप’ से रास्ता बदला जाता है.
5-6 अक्टूबर को गोवा तट पर अभ्यास करेंगे
ऑरेलियो डी कैरोलिस ने कहा कि इस वजह से इस रीजन में समुद्री डकैती की वापसी को बढ़ावा मिला है. इस रीजन में समुद्री डकैती से निपटने में इंडियन नेवी बेहतरीन काम कर रही है. इटली के नौसेना वाहक स्ट्राइक ग्रुप कमांडर रियल एडमिरल जियानकार्लो सियापिना ने कहा कि वो 5-6 अक्टूबर को गोवा तट पर भारत के साथ अभ्यास करेंगे.
यह अभ्यास उस वक्त होगा जब हमारे विमानवाहक पोत क्षेत्र से बाहर निकलेंगे. हालांकि, रियर एडमिरल ने अभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय नौसेना के बेड़े के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. बता दें किसमुद्री लुटेरों का इतिहास बहुत पुराना है. कहा जाता है कि समुद्री व्यापार के शुरू होने के समय से ही लुटेरे भी सक्रिय हो गए थे.
जब रोमन शासक को लुटेरों ने बनाया बंधक
दावा किया जाता है कि उस समय ये लुटेरे किसी न किसी देश की सेना से जुड़े होते थे. इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलता है कि एक बार रोमन शासक जूलियस सीजर को समुद्री लुटेरों ने बंधक बनाया था. फिर वाइकिंग लोगों ने समुद्र पर राज किया था. यह स्कैंडिनेविया रीजन में रहने वाले लोग थे. ये लोग यूरोप, एशिया और उत्तरी अटलांटिक द्वीपों में लूट करते थे. इतना ही नहीं ये लोग समुद्र के साथ ही आसपास के गांवों में भी लूट की वारदातों को अंजाम देते थे.
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