Sharadiya Navratr पर 9 दिन तक देवी मां की विधि विधान से पूजा की जा रही है. मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ नजर आ रही है. नवरात्र के पावन अवसर पर बात करते हैं एक ऐसे मंदिर की जिसमें विराजमान हैं राज सत्ता की देवी. यहां मां का आशीर्वाद लेने के लिए बड़े-बड़े राजनेता आते हैं. देवी मां के आशीर्वाद से भक्तों की किस्मत चमक उठती है. मां के दरबार में आम से लेकर खास श्रद्धालु आकर अपना शीश झुकाते हैं.
देवी मां का यह खास दरबार मध्य प्रदेश के दतिया में स्थित है. इस मंदिर को पीतांबरा धाम के नाम से जाना जाता है. यहां तंत्र साधना की देवी मां पीतांबरा विराजमान हैं. मंदिर की अपनी खास विशेषता है. मंदिर परिसर में कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर बने हुए हैं. देवी मां का यह पवित्र धाम दतिया रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूर स्थित है. निकटतम हवाई अड्डा 75 किमी दूर ग्वालियर है. वहीं पवित्र पीतांबरा धाम झांसी से 29 किलोमीटर की दूरी पर है. देश के सबसे अमीर परिवार के सदस्य अनंत अंबानी भी देवी मां के भक्त हैं और वह भी यहां आ चुके हैं.
Devi Pitambara की स्थापना साल 1935 में हुई
दतिया शहर में स्थित विश्व प्रसिद्ध देवी तांत्रिक शक्तिपीठ मां पीतांबरा के मंदिर की स्थापना 1935 में की गई थी. कहा जाता है कि जिस स्थान पर मंदिर बनाया गया, कभी यहां श्मशान हुआ करता था. साल 1929 में दतिया में एक सिद्ध संत आए. उन्हें लोग श्री स्वामी जी महाराज कहते थे. वह बचपन से ही संयासी थे. लेकिन वह कहा से आए और उनका नाम क्या था इसके बारे में किसी को पता नहीं था. 1935 में श्री स्वामी जी महाराज ने दतिया के राजा शत्रुजीत सिंह बुंदेला के सहयोग से देवी मां पीतांबरा के विग्रह की स्थापना कराई थी. देवी मां के आशीर्वाद से यहां आने वाले भक्तों को लाभ मिलता है.
India-China War के दौरान हुआ था 51 कुंडीय महायज्ञ
देवी मां के स्वरूप को रक्षात्मक माना जाता है. इसके साथ एक एतिहासिक सच भी जुड़ा हुआ है. साल 1962 में जब चीन ने भारत पर हमला किया उस दौरान मंदिर के पीठाधीश्वर श्री स्वामी जी महाराज ने राष्ट्र रक्षा के लिए एक बड़ा यज्ञ यहां आयोजित किया था. माना जाता है पीतांबरा धाम पर राष्ट्रहित में एक 51 कुंडीय महायज्ञ किया गया था. सिद्ध पंडितों और तांत्रिकों ने यज्ञ प्रारंभ किया. यज्ञ के नौंवे दिन ही चीन की सेना देश से वापस चली गई थी. मंदिर प्रांगण में आज भी वह यज्ञशाला बनी हुई है. 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी यहां गुप्त रूप से साधानाएं की गईं.
Anant Ambani ने किए देवी मां के दर्शन
मान्यता है कि पीतांबरा पीठ का तंत्र साधना में काफी खास महत्व है. मां पीतांबरा को कई नाम से जाना जाता है. इन्हें स्थम्भन की देवी, शत्रुहनता, राज सत्ता की देवी और स्वरूप रक्षात्मक माना जाता है. मां पीतांबरा के दरबार में बड़ी संख्या में राजनेता पूजा अर्चना करने आते हैं. देश के बड़े उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी शादी से पहले पीतांबरा मंदिर पर दर्शन के लिए आए थे. देवी मां पीतांबरा मंदिर का देश में प्रमुख स्थान है.
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