इटावा के थाना सिविल लाइन में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक खतरनाक जीव थाने के कार्यालय में घुसकर बैठ गया. पुलिस कर्मी जीव को देखकर पुलिस कार्यालय से भाग खड़े हुए. बड़े बड़े शातिर बदमाशों को पकड़ने वाली पुलिस को विषखापर पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम का सहारा लेना पड़ा. रेस्क्यू के दौरान विषखापर ने वन विभाग के अधिकारी पर हमला कर दिया. जिससे उसके हाथ में चोट आई है.
इटावा जिले के शहरी क्षेत्र के थाना सिविल लाइन के कंप्यूटर कार्यालय में एक खतरनाक विषखापर देखकर पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. जिस समय पुलिस कार्यालय में खतरनाक विषखापर देखा गया, उस समय पुलिस ऑफिस में चार पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात थे. हेड कांस्टेबल मोहम्मद यूनुस, सिपाही टेक चंद्र शर्मा, महिला कांस्टेबल संगीता यादव, महिला कांस्टेबल आराधना सिंह ड्यूटी पर थे. चारों पुलिसकर्मी विषखापर से अपनी जान बचाते हुए ऑफिस से बाहर भाग खड़े हुए.
विषखापर ने जीव विशेषज्ञ पर किया हमला
खतरनाक विषखापर के निकलने की सूचना आनन-फानन में वन विभाग की टीम को दी गई. विषखापर के पुलिस कार्यालय में होने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम, जीव विशेषज्ञ डॉक्टर आशीष रेस्क्यू के लिए थाने पहुंचे. डॉक्टर आशीष ने विषखापर को पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी. डॉक्टर ने अपनी नई तकनीकी उपकरणों से विषखापर को पकड़ लिया था, लेकिन खतरनाक विषखापर ने डॉक्टर के ऊपर हमला कर दिया, जिसमें उनके एक हाथ में चोट आ गई.
विषखापर को देख भाग खड़े हुए पुलिसकर्मी
पुलिस हेड कांस्टेबल मो यूनुस ने बताया कि जिस समय विषखापर ऑफिस में निकाला, उस समय चार पुलिसकर्मी ऑफिस में मौजूद थे. इसी बीच अचानक से खतरनाक विषखापर फर्श पर आ गया. जिसे देखकर ऑफिस में मौजूद सभी लोगों भाग खड़े हुए. सिविल लाइन थाना प्रभारी यशवंत सिंह ने बताया कि जब उन्हें थाने से जानकारी मिली तो, उन्होंने तुरंत वन विभाग और वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर आशीष त्रिपाठी को खतरनाक जीव के निकलने की सूचना दी.
रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा
वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर आशीष त्रिपाठी ने बताया कि जब उनको सूचना मिली तो वह विषखापर को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंच गए. कड़ी मेहनत के बाद वन्य जीव का रेस्कयू किया गया और बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया.
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