मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ऊमा भारती के अपने गांव में शराब पीना तो दूर, हाथ में लेना भी अपराध है. यहां व्यवस्था इस गांव के लोगों ने खुद बनाई है. इस व्यवस्था के तहत यदि कोई शराब पीता है या बेचता है तो उसके खिलाफ पंचायत की ओर से कड़ा अर्थ दंड लगाया जाएगा. गांव की पंचायत ने पिछले दिनों इस संबंध में आम सभा की बैठक में यह फैसला लिया और अब इस फैसले को लागू भी कर दिया गया है.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री ऊमा भारती ने राज्य में शराब बंदी की पहल की थी. उनकी पहले भले ही राज्य में कारगर नहीं हो पायी, लेकिन उनके पैतृक गांव डूडा के लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया है. ग्राम पंचायत ने आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि इस गांव में अब ना तो कोई शराब बेचेगा और ना ही कोई शराब पीएगा. यदि कोई ऐसा करता है तो पंचायत की ओर से कड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है.
इसलिए लिया गया फैसला
टीकमगढ़ के डूडा गांव में देहरी बाबा मंदिर परिसर में आयोजित इस पंचायत में तय किया गया कि शराब पीने वाले पर 11 हजार रुपये और शराब बनाने या बेचने वाले पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं इसकी सूचना पंचायत को देने वाले को 5 हजार रुपये का इनाम भी दिया जाएगा. ग्रामीणों के मुताबिक पिछले दिनों शराब पीकर लोगों ने झगड़ा किया और इस झगड़े में गांव के ब्रती चंद जैन नामक व्यक्ति की हत्या हो गई थी. यही नहीं, शराब की ही वजह से कई घरों में पारिवारिक कलह की स्थिति बनी है. हालात को देखते हुए गांव में शराब पीने वालों का सर्वे कराया गया.
जुर्माने की रकम से सफाई
इसमें पाया गया कि करीब 300 ऐसे लोग हैं, जो शराब पीकर फसाद करते रहते हैं. इन लोगों पर कंट्रोल करने के लिए ही पंचायत ने यह फैसला किया है. तय किया गया है कि यदि कोई बाहर से शराब पीकर गांव में आने की कोशिश करता है तो उसे भी गांव की सीमा पर रोक दिया जाएगा. पंचायत के इस फैसले के बाद रविवार को पहला मामला सामने आया. इसमें एक युवक गांव के बाहर से शराब पीकर आ गया. लोगों से उसे पकड़ा और जुर्माना राशि वसूल की. अब इस रकम से गांव में साफ सफाई का काम होगा.
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