ईरान की 90% मिसाइल सही निशाने पर लगीं, इजराइल में कितनी मौतें हुईं, कितना नुकसान हुआ?

ईरान ने मंगलवार (1 अक्टूबर) की शाम ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2’ करते हुए इजराइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं हैं. इसी साल अप्रैल में भी ईरान की तरफ से मिसाइल अटैक हुआ था, ये हमला उससे भी बड़ा और ज्यादा सटीक था. आमतौर पर इजराइल की सरहद में गिरने से पहले ही दुश्मन की मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया जाता है. लेकिन इसबार ईरान का दावा है कि उनकी 90 फीसद मिसाइल अपने टारगेट तक पहुंचने में कामयाब रही हैं.

वहीं इजराइल डिफेंस फोर्स के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा है कि ईरान ने इजराइल पर 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. ईरान का ये हमला सेंट्रल इजराइल और साउथ इजराइल में हुआ है.” IDF प्रवक्ता ने बताया कि ईरान की ज्यादातर मिसाइलों को इजराइली एयर डिफेंस और अमेरिकी अलाय डिफेंस ने रोक दिया है.

इजराइल सेना ने देर रात जानकारी दी कि ईरान का हमला पूरा हो चुका है, लेकिन उन्होंने हताहतों के बारे में कुछ ठोस नहीं बताया. इजराइली हेल्थ मंत्रालय का भी इसको लेकर कोई बयान नहीं है. जबकि टाइम्स ऑफ इजराइल की खबर के मुताबिक, इस हमले में एक फिलिस्तीनी की मौत और 2 इजराइली घायल हुए हैं.

नागरिकों के हताहत की संख्या इस हमले में न के बराबर है. इसकी एक वजह ये है कि करीब एक करोड़ इजराइलियों को वहां की सरकार ने बॉम्ब शेल्टर में भेज दिया था. दूसरी और बड़ी वजह ये कि, ईरान ने इस अटैक में इजराइल के नागरिकों की बजाय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. ईरान ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है.

इजराइल में कितना नुकसान?

हमला शुरू होने से पहले ही अमेरिकी अधिकारियों ने इजराइल को जानकारी दे दी थी कि ईरान एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा है. जिसके बाद से ही इजराइल की सड़कों पर अफरा-तफरी देखने मिली. सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में देखा गया कि लोग डर के माहौल में बॉम्ब शेल्टर्स की तरफ भाग रहे हैं.

ईरान की तरफ IRGC के बयान में कहा गया है कि इजराइल के तीन एयरबेस नेवातिम, हत्जेरिम और तेल नोफ को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया है. इन एयर बेस में खड़े करीब 20 फाइटर जेट्स को नष्ट करने की खबरें हैं.

बयान के विस्तार में बताया गया कि इन एयर बेस में इजराइल के F-35 फाइटर जेट्स और F-15 फाइटर जेट्स पार्क थे. जिनका इस्तेमाल हिजबुल्लाह चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह की हत्या में किया गया था.

ईरान के सैन्य प्रमुख जनरल मोहम्मद बघेरी ने कहा, “हमारे पास इजराइल के आर्थिक क्षेत्रों पर हमला करने की भी क्षमता है, लेकिन हमने सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया है. ऐसा अमेरिकी के संयम बरतने के अनुरोध और गाजा में युद्ध विराम के वादों की वजह से किया गया है.”

ईरान ने हमला क्यों किया?

IRGC ने ये हमला पिछले दिनों इजराइल की ओर से की गई प्रॉक्सी और IRGC नेताओं की हत्या के जवाब में किया है. IRGC ने बयान में कहा, “हमने शहीद हानिया, सैयद हसन नसरल्लाह और निलफोरूशियान की हत्या के जवाब में कब्जे वाले क्षेत्रों के सेंटर को निशाना बनाया है.”

साथ ही ये भी कहा, “यह ऑपरेशन सेल्फ डिफेंस के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक किया गया है.” साथ ही IRGC ने इजराइल को इसका जवाब देने पर और भी बुरे परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.

इजराइल ने क्या दी प्रतिक्रिया?

इस हमले के बाद इजराइल प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, “ईरानी शासन हमारे दुश्मनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के संकल्प को नहीं जानता है.”

नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा, हमास नेता याह्या, सिनवार और दीफ को यह बात समझ में नहीं आई, हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हिजबुल्लाह चीफ ऑफ स्टाफ फुआद शुक्र को भी यह बात समझ में नहीं आई थी और तेहरान में भी शायद ऐसे लोग हैं जिन्हें यह बात समझ में नहीं आती. उन्होंने आगे कहा, “ईरान को समझ में आ जाएगा, जो हम पर हमला करेगा, हम उस पर हमला करेंगे.”

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