इंदौर: क्राइम ब्रांच में कुछ ही महीनों में डिजिटल अरेस्ट के 26 मामले रजिस्टर्ड किए गए हैं जिसमें दो करोड़ 22 लाख रुपए की ठगी लोगों के साथ की गई है। जहां क्राइम ब्रांच द्वारा अभी तक 60 लाख रूपए रिकवर कर फरियादी को कोर्ट द्वारा दिए गए हैं। वही एक ताजा मामला फिर क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा जिसमें डिजिटल अरेस्ट की शिकायत आई जिसमें एक वृद्ध महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 40 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई शिकायत के बाद इंदौर क्राइम ब्रांच ने ठग का एकाउंट फ्रीज कर दिया है और तीन लाख रुपए की रिकवरी भी की गई है।
दरअसल इंदौर शहर में डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। जहां तिलक नगर में रहने वाली एक वृद्ध महिला ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की है कि व्हाट्सएप कॉल के जरिए ठगों ने फोन करते हुए मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई के अधिकारी बनकर उनसे बात की और कहा कि आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का खाता खोला गया है जिसमें अवैध रूप से लेनदेन हो रहा है। महिला जब घबराई तो आरोपियों ने अलग अलग 11 बैंक खातों में महिला से 40 लाख जमा करवा लिए। यही नहीं महिला ने अपने बैंक में फोन कर तुरंत अपनी फिक्स डिपोजिट भी तुड़वाई और पैसा आरोपियों को ट्रांसफर कर दिया। कुछ समय बाद जब उसे लगा कि उसके साथ ठगी हुई है तो उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई है। फिलहाल पुलिस ने 11 बैंक खातों के 14 एकाउंट को फ्रिज कर तीन लाख रुपए की रिकवरी भी कर ली है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
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