इंदौर-खंडवा रोड बना रहे कंपनी के कर्मचारियों ने प्रोजेक्ट मैनेजर को दफ्तर में किया बंद

इंदौर। इंदौर-खंडवा राजमार्ग की सड़क बनाने का काम निर्माण एजेंसी ने दूसरे दिन रविवार को भी नहीं किया। ग्रामीणों के बर्ताव से नाराज मेघा इंजीनियरिंग के मजदूरों और कर्मचारियों ने अपने ही प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश्वर राव को घंटों तक दफ्तर में बंद कर दिया।

बाहर से ताला लगाकर परिसर में सभी कर्मचारी काम बंद कर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना था कि दफ्तर में बैठे मैनेजर को ग्रामीणों ने डीजल डालकर मारने की धमकी दी है तो फील्ड पर काम करने वाले हम लोग कहां से सुरक्षित रहेंगे।

हर कोई मारपीट मामले में सिमरोल थाने में प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर अड़े थे। वहीं सभी वाहनों को परिसर में खड़ा कर दिया। दोपहर में पुलिस ने एफआइआर दर्ज होने के बाद मैनेजर को बाहर निकाला। उधर निर्माण एजेंसी ने काम बंद करने के बारे में एनएचएआई को औपचारिक ई-मेल कर जानकारी दी है।

दरअसल शुक्रवार दोपहर राजमार्ग की भेरुघाट सुरंग में अप्रोच रोड के लिए ब्लास्टिंग चल रही थी। कुछ डेटोनेटर मिसफायर हुए। इससे पत्थर उड़कर आसपास रहने वाले ग्रामीणों के घर पर गिरे। आक्रोशित ग्रामीणों ने एजेंसी के दफ्तर में घुसकर मारपीट शुरू कर दी।

घटना में एचआर मैनेजर धीरज कुमार सहित तीन कर्मचारी घायल हुए, जिन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। ग्रामीण ने बगैर सूचना ब्लास्टिंग करने को लेकर एजेंसी पर प्रकरण दर्ज करवाने के लिए सिमरोल थाने का घेराव किया।

वहीं शनिवार से सड़क-फ्लाईओवर, सुरंग का काम एजेंसी ने बंद कर रखा है। एजेंसी के अधिकारी दिनभर सिमरोल थाने में बैठे रहे, लेकिन प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। एजेंसी की तरफ से 15 ग्रामीणों के खिलाफ नामजद शिकायत की गई। रविवार को तलाई स्थित एजेंसी कार्यालय पर कर्मचारी इकट्ठा हुए। उसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर राव का घेराव भी किया। फिर उन्होंने मैनेजर को दफ्तर में बंद कर दिया और प्रदर्शन करने लगे।

दो दिन बाद लिखी एफआईआर

यह होगा प्रोजेक्ट पर असर

इंदौर-खंडवा राजमार्ग को जनवरी 2025 तक पूरा करना है, मगर बार-बार विवाद होने से एजेंसी ने मौखिक रूप से एनएचएआई को काम छोड़ने के बारे में कह दिया है। ऐसे में प्रोजेक्ट पर असर पड़ेगा और एनएचएआई को दूसरी एजेंसी की तलाश करनी होगी।

इस प्रक्रिया में महीनों का समय लग सकता है। काम बंद रहने से प्रोजेक्ट की अवधि भी बढ़ानी होगी। वहीं राजमार्ग को सिंहस्थ तक पूरा इसलिए करना है, क्योंकि ओंकारेश्वर से इंदौर होते हुए श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। वैसे अभी 40 फीसद काम बाकी है।

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