ग्वालियर। शादी के दो वर्ष में ही नववविवाहिता के आत्महत्या करने के मामले में दहेज प्रताड़ना और दहेज हत्या का मामला कोर्ट में चल रहा था जिसमें सुनवाई के दौरान शुक्रवार को अभियोजन पक्ष दहेज हत्या का मामला सिद्ध नहीं कर पाया। विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार ने आरोप सिद्ध न होने की स्थिति में पांचों आरोपितों को दोष मुक्त कर दिया गया।
बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने न्यायालय में तर्क दिया कि मृतका करीब तीन दिन जीवित रही, लेकिन इस दौरान उसने आरोपितो के विरुद्ध कोई कथन नहीं दिए। मृतका अवसाद की शिकार थी जिसके चलते उसके द्वारा आयरन की ज्यादा गोलियां खाई गई हैं। आरोप साबित न होने पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। सुदामा पुरी मुरार निवासी दुर्गेश सिंह भदोरिया ने अपनी बेटी प्रिया की शादी गणेश कालोनी चार शहर का नाका के निवासी आलोक सिंह राजावत से की थी। इसमें भारी भरकम दहेज भी दिया गया था।
शादी के कुछ समय तक ससुराल वालों ने प्रिया को ठीक रखा जिसके कुछ समय बाद प्रिया को एक बेटी हुई। आरोप था कि पति आलोक सिंह राजावत, सास मुन्नी देवी, ससुर नरेंद्र सिंह राजावत, देवर अभिषेक सिंह और ननद छाया देवी उसे दहेज लाने को लेकर परेशान और प्रताड़ित करने लगे। प्रिया ने दहेज की मांग से परेशान होकर आत्महत्या करने के लिए आयरन की 30- 40 गोलियां खा ली। इसके बाद उसे उपचार के लिए बिरला अस्पताल भर्ती किया गया और वहां से आगरा ले जाते हुए रास्ते में उसकी मौत हो गई।
भिंड में संदिग्ध परिस्थिति में युवक की मौत
लहार थाना अंतर्गत अस्पताल में इलाज के लिए आए युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक 29 वर्षीय नरेंद्र पुत्र रामअवतार जाटव निवासी भकोटी थाना मिहोना को लहार अस्पताल लाया गया था। यहां युवक की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के पिता रामअवतार पुत्र मनीराम जाटव की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर लिया है।
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