कश्मीर पर शहबाज शरीफ के बयान को लेकर भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है. शुक्रवार को पाकिस्तान ने UN में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जम्मू-कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की.
शहबाज शरीफ के इस बयान को भारत ने हास्यास्पद बताया है. भारतीय डिप्लोमैट भाविका मंगलनंदन ने UNGA में ‘जवाब देने के अधिकार’ के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की आलोचना की और उनके भाषण को हास्यास्पद बताया.
पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब
भारतीय डिप्लोमैट भाविका मंगलनंदन ने UNGA में पाकिस्तान को जवाब देते कहा कि पाकिस्तान की वैश्विक छवि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली है, वह अपने पड़ोसी के खिलाफ सीमापार आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है. भारतीय डिप्लोमैट ने शाहबाज शरीफ के भाषण की आलोचना करते हुए बताया कि पाकिस्तान ने कैसे आतंकवाद का इस्तेमाल कर जम्मू-कश्मीर में चुनावों को बाधित करने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 1971 में नरसंहार किया और लंबे समय तक अल-कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करता रहा. भारत की ओर से जवाब देते हुए भाविका मंगलनंदन ने साफ कर दिया कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के नतीजे निश्चित तौर पर भुगतने होंगे.
UN में पाकिस्तान का कश्मीर राग
न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. शहबाज शरीफ ने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों की तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भी अपनी आजादी और अधिकारों के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा. शहबाज शरीफ ने भारत पर UNSC के प्रस्तावों को लागू करने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया.
शहबाज ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत को इस फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए. शहबाज ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की भी बात कही.इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाया और कहा कि भारत में हिंदूवादी एजेंडा इस्लामोफोबिया की सबसे खतरनाक अभिव्यक्ति है. इसका इस्तेमाल भारतीय मुसलमानों को लाचार करने के लिए किया जा रहा है, उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में इस्लामी विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है.
बता दें कि पाकिस्तान बार-बार UN में कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है, इससे पहले भी वह कई बार इस तरह की बयानबाजी कर चुका है, जहां पहले उसे तुर्किए जैसे देशों का साथ मिल जाता था वहीं इस बार वह कश्मीर मुद्दे पर पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है. इस बार तुर्किए के राष्ट्रपति ने UN में दिए अपने संबोधन में एक बार भी कश्मीर का नाम नहीं लिया, जिसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.