बॉलीवुड की कई बेहतरीन फिल्में करने के बाद सैफ जूनियर एनटीआर के साथ तेलुगू फिल्म ‘देवरा: पार्ट 1’ में नजर आए हैं. फिल्मों से हटकर सैफ की बात करें तो उनके रहन-सहन के तौर तरीके और उनकी ड्रेसिंग स्टाइल को बहुत फॉलो किया जाता है. हाल ही में सैफ एक इवेंट में शामिल हुए जहां उनसे उनके क्लोदिंग ब्रांड की शुरुआत और उनके पैलेस के बारे में बात की गई.
सैफ अली खान फिलहाल अपनी फिल्म ‘देवरा: पार्ट 1’ का प्रमोशन कर रहे हैं. ये उनकी पहली तेलुगू फिल्म हैं. हाल ही में सैफ इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शामिल हुए. उन्होंने इस इवेंट में अपने क्लोदिंग ब्रांड की बात करते हुए कहा, कुर्ता लाइन में जाने का ख्याल इसलिए आया क्योंकि मुझे कुर्ता पहनना काफी पसंद है.
मैनेजर ने दी थी सलाह
सैफ ने बताया कि कभी-कभी हम सब बैठकर बिजनेस के अलग-अलग आइडिया ढूंढते हैं, तो मेरे मैनेजर अफसर जैदी ने कहा कि क्यों नहीं हम इस कुर्ते का ही मार्केट करते हैं. इसके बाद मैंने इस ब्रांड की शुरुआत की. मैं इस ब्रांड के जरिए पुराने तरीके के कपड़ों को आज के समय में लोगों के सामने पेश करना चाहता था. मेरे हिसाब से किसी भी जगह पर जाने के वक्त कुर्ता-पजामा लोगों को बहुत अच्छा और सभ्य लुक देता है.
नहीं बनाना चाहते होटल
सैफ ने पटौदी हाउस को होटल में बदलने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस घर में कई लोग रह चुके हैं. इस पैलेस को उनके दादा ने बनवाया था, उनके बाद इस महल में सैफ अली खान के पिता मंसूर अली ख़ान पटौदी रहे. सैफ ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए बताया कि वो नवाब के तौर पर जन्मे थे और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी नवाब के तरह से ही गुजारी है.
लेकिन जब धीरे-धीरे वक्त बदला तो उन्होंने कहा कि वो इस पैलेस को रेंट पर दे देंगे और इसे होटल में तब्दील कर देंगे, लेकिन मेरी दादी ने कहा था, ‘ऐसा कभी नहीं करना क्योंकि इसके साथ काफी इतिहास जुड़ा हुआ है.’ जब सैफ के पिता की डेथ हुई थी तो उनसे पैलेस ले लिया गया था, उस दौरान पटौदी पैलेस में फिल्मों की शूटिंग होती थी. बाद में सैफ ने साल 2014 में इसे वापस खरीद लिया और उसमें शूटिंग बंद करवा दी.
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